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ORGANIC TEA : उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड ने शुरू किया चाय का पौधरोपण, लगाए जाएंगे डेढ़ लाख पौधे

ORGANIC TEA : उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड की जैविक चाय की महक अब जिले के 10 हेक्टेयर क्षेत्र में और विस्तारित होने जा रही है। इस योजना पर काम करते हुए चाय बोर्ड ने नए स्थलों पर चाय की पौध लगाना शुरू भी कर दिया है। कुल डेढ़ लाख पौधे इस नए क्षेत्र में लगाए जाएंगे। जिले में अब तक कुल 198 हेक्टेयर में चाय बागान विकसित थे जो नए स्थान को मिलाकर अब 208 हेक्टेयर होने जा रहा है।

उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड के अधीन श्यामखेत स्थित चाय बागान की जैविक चाय देश-विदेश में भी प्रसिद्ध है। हर वर्ष बागान से लाखों रुपये की चाय यहां पहुंचने वाले पर्यटक खरीदकर ले जाते हैं। साथ ही यहां से चाय अन्य जगह भी भेजी जाती है। अब चाय बागान का विस्तार करते हुए जिले के रामगढ़, बेतालघाट और धारी में भी 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल में बागान विकसित किया जा रहा है।

नए स्थान पर चाय बागान विकसित होने से 30 लोगों को रोजगार मिलेगा। जिले में चाय का कुल रकबा 208 हेक्टेयर होने से करीब 400 लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार से जुड़ जाएंगे। चाय बागान बोर्ड ने चाय विस्तार की यह योजना फिलहाल शुरुआती पांच वर्षों के लिए लागू की है।

इस साल कितने लाख की बेची जा चुकी है चाय ?

चाय बागान श्यामखेत में वर्ष 2024 के अप्रैल में 3,17,760, मई 5,51,700, जून में 4,47,635 और जुलाई में अब तक 1,35,425 लाख समेत कुल 14,52,520 लाख रुपये की चाय की ब्रिकी हो चुकी है। साथ ही अब तक श्यामखेत में अप्रैल में 9248, मई 16,788, जून 22,185 और जुलाई में 3485 सैलानी चाय बागान घूमने पहुंच चुके हैं।

नवीन चंद्र पांडे, प्रबंधक, उत्तराखंड चाय बागान बोर्ड श्यामखेत ने बताया कि रामगढ़, बेतालघाट और धारी में चाय की खेती बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए चाय के पौध लगाई जा रही है। देश-विदेश के सैलानियों को उत्तराखंड की जैविक चाय बेहद पसंद आ रही है।

जैविक चाय की खेती

वर्तमान समय में उपभोक्ताओं की रुचि और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोगों में जैविक उत्पादों के प्रति रुचि को ध्यान में रखते हुए, उत्तराखंड सरकार ने राज्य में जैविक चाय की खेती को प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया है। इसकी शुरुआत के लिए, उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड ने घोड़ाखाल (नैनीताल), चंपावत (चंपावत) और नौटी (चमोली) में 218 हेक्टेयर बागानों को जैविक चाय में परिवर्तित कर दिया है। यहाँ उत्पादित जैविक चाय का मूल्यांकन कोलकाता के चाय चखने वालों द्वारा किया गया है।

हाल ही में, कंटेंपररी ब्रोकर्स (प्राइवेट लिमिटेड) के निदेशक ने यहां के चाय बागानों और कारखानों का आधिकारिक दौरा किया और उत्पादित चाय में रुचि व्यक्त की तथा नियमित आधार पर उनके कैटलॉग के माध्यम से कोलकाता नीलामी में कुछ मात्रा में चाय की मांग की।) ने यहां के चाय बागानों और कारखानों का आधिकारिक दौरा किया और उत्पादित चाय में रुचि व्यक्त की तथा नियमित आधार पर उनके कैटलॉग के माध्यम से कोलकाता नीलामी में कुछ मात्रा में चाय की मांग की।) ने यहां के चाय बागानों और कारखानों का आधिकारिक दौरा किया और उत्पादित चाय में रुचि व्यक्त की तथा नियमित आधार पर उनके कैटलॉग के माध्यम से कोलकाता नीलामी में कुछ मात्रा में चाय की मांग की। चाय चखने वाले ने यहां उत्पादित चाय का मूल्यांकन किया और पाया कि इसकी गुणवत्ता दार्जिलिंग जिले के अच्छे चाय बागानों के बराबर है।

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