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RELIANCE समेत अन्य बड़ी कंपनियों के कई हजार कर्मचारियों की गई नौकरी, लोगों में मचा हाहाकार

layoffs in india: भारत में युवाओं की आबादी के बीच बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बन गई हैं। इन परेशानियों के बीच क्षेत्र की पांच बड़ी कंपनियों ने 2023-24 में 52,000 कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया गया है जिसके कारण हजारों लोग इस छंटनी का शिकार बन गए हैं। इस प्रक्रिया में बहुत सी बड़ी कंपनियों का नाम सामने आ रहा हैं। चलिए जानते हैं इन कंपनियों के नाम …

हैरानी कि बात यह है कि छंटनी करने वाली कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज की खुदरा इकाई रिलायंस रिटेल, टाटा समूह की टाइटन, रेमंड, पेज इंडस्ट्रीज और स्पेन्सर शामिल हैं। कुल छंटनी में रिलायंस रिटेल की हिस्सेदारी सर्वाधिक रही। कंपनी ने बीते वित्त वर्ष के दौरान 38,029 लोगों की छंटनी की हैं।

रिलायंस समेत अन्य कंपनियों के कर्मचारियों की संख्या घटी-

रिलायंस इंडस्ट्रीज की सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, रिलायंस रिटेल के कर्मचारियों की संख्या वित्त वर्ष 2023-24 में घटकर 2,07,552 रह गई। 2022-23 के दौरान कंपनी के पास 2,45,581 कर्चमारी थे। टाइटन के कर्मचारियों की संख्या 2022-23 के 26,104 से घटकर 2023-24 में 17,535 रह गई और इस तरह, कंपनी ने बीते वित्त वर्ष के दौरान 8,569 लोगों को नौकरी से निकाला। पेज इंडस्ट्रीज के कर्मचारियों की संख्या में भी 4,217 की कमी देखने को मिली है। 

जानकारी के लिए बता दें कि 2022-23 में कंपनी के पास 26,781 कर्मचारी थे,लेकिन इनकी संख्या 2023-24 में घटकर 22,564  हो गई हैं। दूसरी तरफ, रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के सीईओ कुमार राजगोपालन ने कहा, जुलाई, 2024 में खुदरा क्षेत्र की बिक्री में एक साल पहले की तुलना में 2 फीसदी की मामूली वृद्धि दर्ज की गई है। 

सूचीबद्ध कंपनियों में छंटनी जारी-

एक दर्जन सूचीबद्ध लाइफस्टाइल, ग्रॉसरी रिटेलर्स और क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स ने बीते वित्त वर्ष अपने श्रम बल में 26,000 की कटौती की है। इन खुदरा विक्रेताओं के पास 2022-23 में कुल 4.55 लाख कर्मचारी थे, जिनकी संख्या 2023-24 में घटकर 4.29 लाख रह गई।

खुदरा क्षेत्र में बिक्री की रफ्तार क्यों पड़ रही धीमी ? 

हंगाई, ब्याज दरों में वृद्धि, स्टार्टअप व आईटी क्षेत्र में छंटनी, अर्थव्यवस्था में मंदी के डर से उपभोक्ता दिवाली, 2022 से ही गैर-जरूरी खर्च घटा रहे हैं।
बिक्री की धीमी रफ्तार : बता दें कि महामारी के बाद लोगों ने कपड़ों से लेकर कारों तक सभी क्षेत्र में बहुत खरीदारी की। लेकिन, इसके बाद भी खुदरा क्षेत्र में बिक्री की रफ्तार धीमी होकर पिछले साल 4 फीसदी रह गई।

मामले को लेकर CBRE ने क्या कहा ?

CBRE ने कहा, खुदरा क्षेत्र की कंपनियों ने 9 फीसदी की रफ्तार से स्टोर का विस्तार किया, जो पांच साल में सबसे कम है। खुदरा क्षेत्र ने 2023 में शीर्ष-8 शहरों में 71 लाख वर्ग फुट जगह ली थी, जिसके 2024 में घटकर 60-65 लाख वर्ग फुट रहने का अंदाजा लगाया गया है।

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