Janmashtami: देश भर में Janmashtami उत्सव के दौरान लोगों में काफी उत्त्साह के साथ व्यापार में भी उछाल देखने को मिला है। जानकारी के मुताबिक, इस Janmashtami में लगभग 25,000 करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन हुआ है। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के अनुसार, इस साल के सभी त्योहारों में से सबसे ज्यादा इस पर्व यानि Janmashtami में कारोबार हुआ है।
Janmashtami: बड़े पैमाने पर हुई बिक्री-
CAIT के राष्ट्रीय महासचिव और चांदनी चौक से सांसद प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि इस महत्वपूर्ण त्योहार के दौरान, विशेष रूप से फूल, फल, मिठाई, देवता की पोशाक, सजावटी सामान, व्रत की मिठाई, दूध, दही, मक्खन और सूखे मेवों की बड़े पैमाने पर बिक्री देखी गई।
Janmashtami: खंडेलवाल ने जन्माष्टमी को लेकर क्या कहा?
खंडेलवाल ने कहा कि Janmashtami जैसे त्योहार सनातन अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण भाग हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने में मदद करते है। इस साल 26 अगस्त को देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी मनाई गई है। भक्तों ने पारंपरिक रूप से उपवास रखा और मंदिरों और घरों को फूलों, दीयों और रोशनी से सजाया।
मंदिरों को आकर्षक ढंग से सजाया गया और वहां दर्शन करने वालों की भारी भीड़ रही। उन्होंने बताया कि Janmashtami उत्सव के विशेष आकर्षणों में डिजिटल झांकियां, भगवान कृष्ण के साथ सेल्फी प्वाइंट और कई अन्य रमणीय दृश्य को शामिल किया गया था। शहरों में, संतों और ऋषियों द्वारा कई भजन, धार्मिक नृत्य और प्रवचन हुए। विभिन्न सामाजिक संगठनों ने भी बड़े पैमाने पर जन्माष्टमी समारोह आयोजित किए। शास्त्रों के अनुसार, जन्माष्टमी भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह वह दिन है जब भगवान कृष्ण का जन्म हुआ था।
Janmashtami: 12,000 करोड़ रुपये त्यौहारी व्यापार का अनुमान-
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस महीने की शुरुआत में, CAIT ने राखी के त्योहार के दौरान देश भर में 12,000 करोड़ रुपये से अधिक के त्यौहारी व्यापार का अनुमान लगाया था। खंडेलवाल के मुताबिक, 2022 में राखी के त्यौहार पर कारोबार करीब 7,000 करोड़ रुपये, 2021 में 6,000 करोड़ रुपये, 2020 में 5,000 करोड़ रुपये, 2019 में 3,500 करोड़ रुपये और 2018 में 3,000 करोड़ रुपये रहा था। व्यापार मंडल ने कहा कि बाजारों में खरीदारी के लिए भारी भीड़ देखी जा रही है और लोग त्योहार को लेकर काफी उत्साहित हैं।