Olympics 2024 Shooting: भारत की निशानेबाज मनु भाकर ने रविवार को पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीतकर इतिहास रच दिया है। बता दें कि मनु ने ब्रॉन्ज जीतकर भारत का खाता खोला और निशानेबाजी में ओलंपिक पदक के 12 साल के लंबे इंतजार को भी ख़त्म किया है। 22 साल की मनु ओलंपिक में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज बनी है, मनु ने आठ निशानेबाजों के फाइनल में 221.7 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहीं।
टोक्यो में दिल टूटने के तीन साल बाद भारत की सबसे प्रसिद्ध और प्रतिभाशाली निशानेबाजों में से एक ने अपने सपनों को पूरा किया और देश को संमानप्राप्त कराया। उन्होंने इस खेल में जबरदस्त वापसी की और कांस्य पदक को अपने नाम किया। महिलाओं की 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा का स्वर्ण और रजत पदक दक्षिण कोरिया की दो खिलाड़ियों ने जीता। ओह ये जिन 243.2 के स्कोर के साथ स्वर्ण पदक और किम येजी ने 241.3 के स्कोर के साथ रजत पदक अपने नाम किया।
लंबे इंतजार को किया खत्म-
मनु भाकर क्वालिफिकेशन राउंड में भी तीसरे स्थान पर रही थीं। इसके साथ ही उन्होंने शूटिंग में भारत के पदक के 12 साल के लंबे इंतजार को भी खत्म किया। 2012 लंदन ओलंपिक में गगन नारंग और विजय कुमार ने शूटिंग में पदक जीता था। यह शूटिंग में भारत का पांचवां पदक है। बता दें कि मनु से पहले चारों एथलीट्स पुरुष थे। मनु अब राज्यवर्धन सिंह राठौड़, अभिनव बिंद्रा, गगन नारंग और विजय कुमार के क्लब में शामिल हो गईं है।
शामिल नहीं थीं एशियाई खेलों में-
जानकर हैरानी होगी कि नौ माह पहले तक मनु भाकर 10 मीटर के एयर पिस्टल की भारतीय टीम में भी शामिल नहीं थीं। बीते वर्ष वह हांगझोऊ एशियाई खेलों में खेलीं, लेकिन इस इवेंट की टीम में नहीं थीं। यह वह इवेंट है जो उनके दिल के सबसे करीब है।वहीं एशियाड से पहले मनु भाकर ने पहले के सारे विवादों को भुलाकर कोच जसपाल राणा का हाथा थामा और इसकी एक वजह यह थी की 10 मीटर एयर पिस्टल में वापस प्रभुत्व स्थापित करना। एशियाड के बाद मनु का समर्पण और जसपाल का साथ काम आया। मनु ने न सिर्फ 10 मीटर एयर पिस्टल की ओलंपिक टीम में जगह बनाई बल्कि शनिवार को क्वालिफाइंग दौर में 580 का विश्वस्तरीय स्कोर कर तीसरे स्थान पर रहते हुए इस इवेंट के फाइनल में भी अपनी जगह बनाई।
कई खेलों में लिया भाग-
मनु 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और 70 से अधिक राष्ट्रीय पदक जीत चुकी हैं। 2021 में हुए ओलंपिक में वह सातवें स्थान पर रहीं। 2023 में मनु ने एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक जीता था। वह पेरिस ओलंपिक में 21 सदस्यीय भारतीय शूटिंग टीम से कई व्यक्तिगत स्पर्धाओं में हिस्सा लेने वाली एकमात्र एथलीट हैं।
मनु भाकर का जन्म हरियाणा के झज्जर में हुआ था। इन्होंने स्कूल के दिनों में टेनिस, स्केटिंग और मुक्केबाजी समेत कई खेलों में भाग लिया था। मुक्केबाजी खेलते वक्त मनु के आंख पर चोट लग गई थी। इसी के बाद उनका बॉक्सिंग में सफर खत्म गया। हालांकि, मनु के अंदर खेलों को लेकर एक अलग जुनून देखने को मिलता था, जिसके चलते वह एक बेहतरीन निशानेबाज बनने में कामयाब रहीं। अब उन्होंने देश को ब्रॉन्ज जीतकर गौरवान्वित किया है।
पिता ने दिया हमेशा साथ –
मनु के पिता राम किशन भाकर ने उनका हमेशा साथ दिया। पिता ने मनु को पूरा सहयोग दिया। जिस खेल में उन्हें आगे बढ़ने का मन था उसी में बढ़ने दिया। बहुत से विद्यार्थियों की तरह मनु भी नौवीं कक्षा तक डॉक्टर बनना चाहती थीं। वह खेल में शुरू से अच्छी रही लेकिन पढ़ाई पर मुख्य ध्यान रहा। 10वीं में मनु के जीवन का अलग मोड़ आया, जब कक्षा में टॉप करने के साथ उनका चयन शूटिंग के लिए राष्ट्रीय टीम में हुआ। उनके कोच अनिल जाखड़ के कहने पर मनु ने शूटिंग को एक मौका दिया और 11वीं में जब वह 16 साल की थी तब आईएसएसएफ विश्व कप, राष्ट्रमंडल खेल और यूथ ओलंपिक खेल में गोल्ड जीतकर अपने नाम किया।