ICC Test Cricket: T20 टूर्नामेंट्स की बढ़ती लोकप्रियता के कारण टेस्ट क्रिकेट का क्रेज धीरे-धीरे कम हो गया है। इस स्थिति को देखते हुए, आईसीसी टेस्ट क्रिकेट को बचाने के लिए एक खास प्लान बनाया गया है। एक रिपोर्ट के अनुसार, ICC टेस्ट क्रिकेट के लिए 125 करोड़ रुपये इक्कठा करने की योजना बनाई जा रही है ,जिससे खिलाड़ियों की सैलरी और टीमों के अन्य खर्चों को पूरा किया जाएगा। इस पहल में भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने भी आईसीसी का समर्थन किया है। इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) समेत कई T20 लीग्स की वजह से टेस्ट क्रिकेट की लोकप्रियता में गिरावट आई है, जिसे रोकने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है।
‘द सिडनी मॉर्निंग हेराल्ड’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने अपना यह प्रस्ताव रखा है कि टेस्ट क्रिकेट के लिए स्पेशल फंड जुटाया जाया। BCCI के सचिव जय शाह और इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने इस योजना का पूर्ण रूप से समर्थन किया है। जय शाह फिलहाल आईसीसी अध्यक्ष बनने की दौड़ में आगे चल रहे हैं। आईसीसी जो फंड जुटाएगा उससे टेस्ट क्रिकेटर्स की न्यूयनतम मैच फीस बढ़ाई जाएगी। इसके साथ ही विदेशी दौरों पर आने वाले खर्च को भी देखा जाएगा।
भारत के साथ-साथ अन्य देशों के कई खिलाड़ी टेस्ट क्रिकेट की बजाय टी20 को प्राथमिकता दे रहे हैं, खासकर आईपीएल जैसे टूर्नामेंट्स में। आईपीएल में खेलने वाले खिलाड़ियों को अच्छी खासी मोटी रकम मिलती है, जिससे वे टी20 क्रिकेट की ओर आकर्षित होते हैं। वेस्टइंडीज के अधिकांश खिलाड़ी भी टेस्ट क्रिकेट की जगह टी20 खेलना पसंद कर रहे हैं, जिससे टेस्ट क्रिकेट का क्रेज कम हो रहा है।
हालांकि, आईसीसी द्वारा जुटाए जाने वाले फंड से भारत, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के खिलाड़ियों को खास लाभ मिलने की संभावना कम है, क्योंकि इन देशों के क्रिकेट बोर्ड पहले से ही अपने खिलाड़ियों को अच्छी सैलरी दे रहे हैं। इस फंड का मुख्य उद्देश्य उन देशों के खिलाड़ियों और टीमों की मदद करना है, जहां टेस्ट क्रिकेट को बनाए रखने के लिए अतिरिक्त वित्तीय सहायता की आवश्यकता है।
अगर ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर्स की बात करें, तो उन्हें भी भारतीय खिलाड़ियों की तरह ही अच्छी सैलरी मिलती है। उदाहरण के लिए, पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के टेस्ट और वनडे कप्तान पैट कमिंस को करीब 25 करोड़ रुपये की सैलरी मिली थी। वहीं, ऑस्ट्रेलिया के लिए नियमित रूप से खेलने वाले खिलाड़ियों को 8 से 16 करोड़ रुपये तक की सैलरी मिलती है। यह दिखाता है कि ऑस्ट्रेलिया जैसे बड़े क्रिकेटिंग देशों में खिलाड़ियों को पहले से ही अच्छी आर्थिक सुरक्षा मिल रही है, जिससे उनके लिए टेस्ट क्रिकेट को प्राथमिकता देना संभव हो पाता है।