उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में प्रमाण पत्रों की डोर स्टेप डिलीवरी का पायलट प्रोजेक्ट सफल होने के बाद अब यह सुविधा प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में भी शुरू होगी। सोमवार को सचिवालय में सूचना प्रौद्योगिकी और गुड गवर्नेंस की बैठक में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों को इस संबंध में निर्देश दिए।
योजना को शत प्रतिशत करने के लिए अधिकारीयों को दिया निर्देश –
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सरकार जनता की भावना को पूरा करने के लिए अधिकांश जन सुविधाएं लोगों के घर तक पहुंचाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि देहरादून में विभिन्न प्रमाण पत्र लोगों के घरों तक पहुंचाए जाने के लिए चलाए गए पायलट प्रोजेक्ट के तहत डोर स्टेप डिलीवरी सिस्टम का सफल प्रयोग किया गया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस सुविधा को प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों तक फैलाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी विभागों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनकी वेबसाइट अपडेट रहे।
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस सूचना क्रांति के दौर में ऑनलाइन सुविधाओं को लेकर साथ ही डाटा सिक्योरिटी को भी महत्वपूर्ण ध्यान में रखने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देश दिए कि विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को धनराशि का वितरण डीबीटी के माध्यम से ही होना चाहिए। बैठक में बताया गया कि ई-ऑफिस प्रणाली के तहत 89 प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त कर लिया गया है और सीएम डैशबोर्ड प्रक्रिया के तहत सभी विभागों को एक माह के अंदर की-परर्फामेंस इंडिकेटर (केपीआई) बनाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में यह जानकारी दी गई कि सूचना प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में कौशल विकास के अंतर्गत, विशेष रूप से पर्वतीय क्षेत्रों में 2026 तक 10 हजार से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में नौ विभिन्न कोर्स शामिल हैं, जो सभी राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईवीटी) के अंतर्गत होंगे। साथ ही, आईटीडीए-सीएससी के तहत 60 हजार से अधिक छात्रों को विभिन्न 25 प्रकार के कोर्सों में प्रशिक्षण दिया गया है।