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Violence Latest News: मणिपुर सरकार लंबे समय से उठा रही अप्रवासियों का मुद्दा , ‘म्यांमार से भागकर आ रहे कुकी’

Violence Latest News: मणिपुर अपने इलाके और एरिया में चल रहें हिंसा के कारण चर्चा का विषय बना रहता है. इस बीच मणिपुर सरकार की तरफ से एक अहम ख़बर सामने आ रही है। बता दें कि राज्य सरकार के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने 21 सितंबर 2024 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक महत्वपूर्ण खुफिया रिपोर्ट का भी  खुलासा किया। उन्होंने पहली बार सार्वजनिक रूप से पुष्टि की कि मणिपुर को एक खुफिया रिपोर्ट प्राप्त हुई है, जिसमें म्यांमार से मणिपुर में प्रशिक्षित 900 कुकी उग्रवादियों के प्रवेश की चेतावनी दी गई है। ये उग्रवादी कथित तौर पर जंगल युद्ध और हथियारबंद ड्रोन के इस्तेमाल में प्रशिक्षित हैं। 

सिंह ने इस खुफिया जानकारी को गंभीरता से लेने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता और यह राज्य की सुरक्षा के लिए एक गंभीर चुनौती हो सकती है।

Violence Latest News: 900 कुकी उग्रवादियों ने म्यांमार से मणिपुर में किया प्रवेश

खुफिया सूत्रों के हवाले से बताया है कि एक खुफिया रिपोर्ट मणिपुर के भारत-म्यांमार सीमासे लगे जिलों के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को भेजी गई है। यह रिपोर्ट गुरुवार को भेजी गई थी, जिसमें बताया गया है कि लगभग 900 कुकी उग्रवादियों ने हाल ही में ड्रोन-आधारित बम, प्रोजेक्टाइल, मिसाइल और जंगल युद्ध का प्रशिक्षण लिया है और म्यांमार से मणिपुर में प्रवेश किया है।

यह रिपोर्ट राज्य की सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण है, और इसके आधार पर राज्य के अधिकारियों और सुरक्षा बलों को अलर्ट रहने की सलाह दी गई है। मणिपुर में पहले से ही अस्थिर हालात को देखते हुए, यह नई जानकारी सुरक्षा के लिहाज से एक बड़ी चुनौती उत्पन्न कर सकती है।

Violence Latest News: कॉन्फ्रेंस में कुलदीप सिंह ने क्या कहा ?

खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, कुकी उग्रवादियों को 30-30 सदस्यों की इकाइयों में बांटा गया है। उन्होंने यह भी बताया कि सभी  कुकी अलग-अलग हिस्सों में बिखरे हुए हैं। उन्होंने कहा कि वे सितंबर के आखिरी सप्ताह में मेइतेई गांवों पर कई समन्वित हमले कर सकते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुलदीप सिंह ने कहा कि उन्हें लगता है कि रिपोर्ट 100 प्रतिशत सही है। जब तक यह गलत साबित नहीं हो जाता, हम मानते हैं कि यह 100 प्रतिशत सही है, क्योंकि किसी भी खुफिया इनपुट को आपको 100 प्रतिशत सही मानना ​​होगा और उसके लिए तैयार रहना होगा।

Violence Latest News: ‘म्यांमार से भागकर भी आ रहे कुकी’

मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने यह भी कहा कि म्यांमार के चिन राज्य और अन्य क्षेत्रों में जातीय सशस्त्र समूह म्यांमार की जुंटा सेना से लड़ रहे हैं और उन्होंने देश के कई हिस्सों पर कब्जा कर लिया है, जो पहले जुंटा के नियंत्रण में थे। सिंह ने बताया कि इनमें से कुछ लड़ाइयाँ भारत-म्यांमार सीमा के करीब हुई हैं। 

इन संघर्षों के परिणामस्वरूप कुछ सैनिक, जो चीन राज्य के विद्रोहियों  द्वारा कब्जा किए गए थे, भारत भाग गए हैं। यह स्थिति भारत के लिए सुरक्षा और सीमा प्रबंधन के दृष्टिकोण से चुनौतीपूर्ण हो सकती है, खासकर मणिपुर जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में।

Violence Latest News:सरकार उठा रही है अप्रवासियों का मुद्दा

मणिपुर सरकार का लंबे समय से यह दावा है कि राज्य में जातीय हिंसा, विशेष रूप से दक्षिणी मणिपुर में, अवैध अप्रवासियों की आबादी में भारी वृद्धि का परिणाम है। यह दावा इस क्षेत्र में बढ़ती अस्थिरता और हिंसा के लिए एक प्रमुख कारण बताया जाता रहा है। जब जनवरी में मणिपुर के सीमावर्ती व्यापारिक शहर मोरेह में पुलिस कमांडो पर हुए हमलों के बारे में पूछा गया।

तो मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह ने उस समय म्यांमार स्थित उग्रवादियों की संलिप्तता से इनकार किया था। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि म्यांमार के उग्रवादियों के राज्य में प्रवेश की संभावना थी, लेकिन उस वक्त इस बारे में कोई ठोस सबूत नहीं था। अब, हाल के खुफिया इनपुट्स के आधार पर मणिपुर में म्यांमार से प्रशिक्षित कुकी उग्रवादियों के प्रवेश की जानकारी सामने आने के बाद, यह मुद्दा और अधिक संवेदनशील हो गया है।

Violence Latest News: 50,000 लोग आंतरिक रूप से विस्थापित

मणिपुर में पिछले एक साल और चार महीनों से मैतेई समुदाय और कुकी जनजातियों के बीच जारी संघर्ष ने गंभीर रूप ले लिया है। मैतेई समुदाय घाटी में बहुल है, जबकि कुकी जनजातियों के कई गाँव पहाड़ी क्षेत्रों में स्थित हैं। इस जातीय संघर्ष के कारण अब तक 220 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, और लगभग 50,000 लोग आंतरिक रूप से विस्थापित हो गए हैं। 

संघर्ष की मुख्य वजह जमीन और पहचान से जुड़े मुद्दे हैं, जो समय के साथ और जटिल होते गए हैं। इससे न केवल मानव जीवन और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है, बल्कि राज्य में लंबे समय से स्थिरता और शांति की बहाली भी एक चुनौती बन गई है।

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