रुद्रप्रयाग। दिल्ली के बुराड़ी में केदारनाथ जैसे मंदिर के निर्माण को लेकर सियासी घमासान तेज होता जा रहा। विपक्षी दलों और तीर्थ पुरोहितों ने इसके विरोध में आवाज बुलंद की है। इसी बीच बुराड़ी में बन रहे केदारनाथ मंदिर को लेकर उठे विवाद को लेकर श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र रौतेला ने अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में बनने वाले मंदिर का नाम केदारनाथ मंदिर रखने से भावनाएं आहत हो रही हैं तो ट्रस्ट मंदिर का नाम बदल देगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धर्म के रक्षक हैं, इसलिए उन्हें मंदिर के शिलान्यास के कार्यक्रम में बुलाया गया था। मुख्यमंत्री धामी का मंदिर ट्रस्ट से कोई लेना-देना नहीं है।
बुराड़ी में केदारनाथ मंदिर पर हुआ हंगामा-
दिल्ली में केदारनाथ मंदिर को लेकर विवाद पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी रिएक्ट किया था। उन्होंने सोमवार को कहा था कि ज्योर्तिलिंग प्रदेश में ही है और वह दूसरे स्थान पर नहीं हो सकता। ज्योर्तिलिंग का स्थान एक ही है। दूसरे स्थान पर धाम नहीं हो सकता। प्रतीकात्मक रूप से मंदिर अनेक जगहों पर बने हैं। लेकिन धाम उत्तराखंड में ही है। मुख्यमंत्री का यह बयान तब आया जब पिछले सप्ताह दिल्ली में गढ़वाल हिमालयी क्षेत्र में स्थित केदारनाथ के वास्तु पर आधारित एक मंदिर का शिलान्यास किया। इसके बाद उनकी सत्ताधारी पार्टी, विपक्षी दलों और तीर्थ पुरोहितों के निशाने पर आ गई।
दिल्ली केदारनाथ मंदिर विवाद क्या है?
‘दिल्ली केदारनाथ मंदिर’ को लेकर विवाद बुराड़ी स्थित केदारनाथ धाम ट्रस्ट के अध्यक्ष सुरेंद्र रौतेला के एक बयान के बाद शुरू हुआ है। दिल्ली में बन रहे केदारनाथ मंदिर के भूमि पूजन के काम की देखरेख कर रहे रौतेला ने कहा कि जो लोग बुजुर्ग हैं और केदारनाथ धाम नहीं जा पाते हैं, वे अब दिल्ली में बाबा के दर्शन कर सकेंगे।
10 जुलाई को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली के बुराड़ी के हिरनकी में बन रहे केदारनाथ मंदिर का भूमि पूजन और शिलान्यास किया। इस पर जगद्गुरु अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि जगद्गुरु आदि शंकराचार्य ने जो धाम बनवाया था, वैसा धाम आप कहीं और कैसे बना सकते हैं।
क्या बोले ट्रस्ट के संस्थापक ?
श्री केदारनाथ धाम दिल्ली ट्रस्ट के संस्थापक सुरेंद्र रौतेला ने इस मुद्दे पर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने कहा कि अगर दिल्ली में बन जा रहे मंदिर का नाम केदारनाथ मंदिर रखे जाने से भावनाएं आहत हो रही तो ट्रस्ट मंदिर का नाम बदल देगा। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी धर्म के रक्षक हैं, इसलिए उन्हें मंदिर के शिलान्यास के कार्यक्रम में बुलाया गया था। मुख्यमंत्री धामी का मंदिर ट्रस्ट से कोई लेना-देना नहीं है। केदारनाथ का मुद्दा बीजेपी के लिए ऐसे समय में सिरदर्द बन गया है जब हाल में ही उसे बदरीनाथ और मंगलौर विधानसभा उपचुनाव में हार झेलनी पड़ी। अब उसे केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव का सामना करना है। हाल में केदारनाथ से विधायक शैलारानी रावत का निधन हो गया था।