Uttarakhand: लेह-लद्दाख बॉर्डर पर तैनात उत्तरकाशी जिले के तहसील बड़कोट सरनौल निवासी सैनिक श्रवण चौहान की अचानक तबियत खराब होने से दर्दनाक मौत हो गई है। उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह चंडीगढ़ पहुंच गया गया है। चंडीगढ़ से भारतीय सेना की एंबुलेंस से सड़क मार्ग होते उनके पैतृक गांव सरनौल पार्थिव शरीर लाया जा रहा है। उनके बलिदान पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दुःख जाहिर किया है।
खबर सुनकर पूरे क्षेत्र में पसरा मातम–
श्रवण कुमार चौहान पुत्र शूरवीर सिंह चौहान भारतीय सेना की 14 गढ़वाल राइफल्स में लेह -लद्दाख बॉर्डर पर तैनात थे। गुरुवार को अचानक स्वास्थ्य खराब हो जाने से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जहां उपचार के दौरान उनका देहांत हो गया है। इस खबर को सुनकर पूरे क्षेत्र में मातम सा छा गया । उनका पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह चंडीगढ़ पहुंचा है। चंडीगढ़ से भारतीय सेना की एंबुलेंस से सड़क मार्ग होते उनके पैतृक गांव सरनौल पार्थिव शरीर लाया जा रहा है। श्रवण के दो भाई भारतीय सेना में तैनात है। उनके माता- पिता गांव में खेतीबाड़ी करते है। शहीद श्रवण 2017 में भारतीय सेना में भर्ती हुए थे।
सीएम धामी ने जताया दुःख-
मुख्यमंत्री ने दुख व्यक्त करते हुए कहा ‘लेह लद्दाख में मां भारती की सेवा करते हुए विधानसभा यमुनोत्री के ग्राम सरनौल निवासी वीर श्रवण चौहान के बलिदान होने का अत्यंत दुःखद समाचार प्राप्त हुआ। ईश्वर से प्रार्थना है कि पुण्यात्मा को श्रीचरणों में स्थान एवं शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। राष्ट्र की रक्षा हेतु दिया गया आपका सर्वोच्च बलिदान अविस्मरणीय है। विनम्र श्रद्धांजलि ।