Uttarakhnad Teachers Transfer : उत्तराखंड में शिक्षकों के तबादले को लेकर नई व्यवस्था शुरू कर दी गई है. अब शिक्षकों के तबादले काउंसलिंग से करवाई जाएगी. उत्तराखंड के शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने यह जानकारी दी है. काउंसलिंग से शिक्षकों के ट्रांसफर के बाद शिक्षा विभाग वार्षिक स्थानांतरण में जुट जाएगा.
स्थानांतरण को लेकर आएगी पारदर्शिता-
दरअसल, उत्तराखंड में शिक्षकों द्वारा लंबे समय से काउंसलिंग के माध्यम से तबादले किए जाने की मांग की जा रही थी. ऐसे में अब इस मांग को शिक्षा विभाग ने पूरा कर दिया है. शिक्षा महानिर्देशक बंधीधर तिवारी के मुताबिक, काउंसलिंग की नई व्यवस्था लागू होने के बाद जहां एक तरफ शिक्षकों को उनकी प्राथमिकता के आधार पर विद्यालय आवंटित हो सकेंगे तो वहीं स्थानांतरण को लेकर पारदर्शिता भी आ सकेगी.
कब तक होंगे शिक्षकों के तबादले ?
इसके लिए यह प्रक्रिया पांच दिन तक आयोजित की जाएगी। इस बीच अनिवार्य रूप से सुगम से दुर्गम एवं दुर्गम से सुगम में तबादले किए जाएंगे। इसके अलावा अनुरोध के आधार पर प्राप्त आवेदनों की पड़ताल के बाद भी संबंधित शिक्षकों को अन्यंत्र तैनाती दी जाएगी। यह प्रक्रिया 24 जुलाई तक चलेगी। अपर निदेशक माध्यमिक शिक्षा कुमाऊं लीलाधर व्यास ने बताया कि काउंसिलिंग में हिस्सा लेने वाले शिक्षकों की सूची विभागीय वेबवाइट पर अपलोड कर दी है।
शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि हमारी कोशिश है कि 31 जुलाई तक सभी शिक्षकों के अनिवार्य तबादले करवा लिए जाए. उन्होंने कहा कि इस बार तबादलों की प्रक्रिया बेहद पारदर्शी रहेगी. शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत का कहना है कि काउंसलिंग की नई व्यवस्था लागू होने के बाद जहां एक तरफ शिक्षकों को उनकी प्राथमिकता के आधार पर विद्यालय आवंटित हो सकेंगे तो वहीं स्थानांतरण को लेकर पारदर्शिता भी आ सकेगी.
देर से पहुंचने पर गवां देंगे मौका-
तबादलों के लिए शिक्षक पूर्व में विभागीय बेवसाइट पर प्रदर्शित रिक्ति के सापेक्ष काउंसलिंग के जरिए विकल्प प्रस्तुत कर सकेंगे. काउंसलिंग के लिए शिक्षकों को निर्धारित स्थान पर सुबह 9 बजे अनिवार्य रूप से उपस्थित होना होगा. इसके लिए उन्हें अपने साथ विभागीय पोर्टल की प्रति, कार्यरत प्रमाण पत्र एवं आधार कार्ड की मूल प्रति अनिवार्य रूप से लानी होगी. संयुक्त निदेशक के मुताबिक, यदि कोई शिक्षक तय तिथि को देरी से उपस्थित होते हैं या अनुपस्थित रहते हैं, तो ऐसी स्थिति में पात्रता सूची में अंकित अगले शिक्षक को उनकी ओर से प्रस्तुत विकल्प के अनुसार विद्यालय आवंटित कर दिया जाएगा.