Union Budget 2024: केंद्रीय बजट में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के चौथे चरण में गांवों तक आल वेदर रोड निर्माण का निर्णय लिया गया है। इससे उत्तराखंड भी सीधे लाभान्वित होगा।
उत्तराखंड को उम्मीद है कि इस योजना में पर्वतीय क्षेत्रों में 250 से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में 1844 किमी लंबाई की 474 सड़कों का निर्माण हो सकेगा। साथ ही बजट में अवस्थापना विकास के लिए विशेष पूंजीगत सहायता के तहत 1.5 लाख करोड़ की व्यवस्था की गई है। इससे नई सड़कें व पुल बनाने में मदद मिलेगी। गत वर्ष उत्तराखंड को इस मद में 1911 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे।
कई ग्रामीण क्षेत्र में अभी तक नहीं है सड़क-
उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कें यातायात का प्रमुख साधन हैं। अभी भी कई ग्रामीण क्षेत्र ऐसे हैं, जहां आजादी के बाद अभी तक सड़क नहीं पहुंच पाई है। ऐसे स्थानों तक सड़कें पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एक बड़ा सहारा बनी है। इस योजना के तीन चरणों में प्रदेश में 5659 किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया जा चुका है। इससे 2000 से अधिक गांवों तक सड़कों को पहुंचाने का कार्य किया गया है।
अब केंद्रीय बजट में इन गांवों तक के लिए ऑलवेदर रोड बनाने की बात कही गई है। पर्वतीय क्षेत्रों में मजबूत सड़कों का हमेशा से ही अभाव रहा है। तीन माह बरसात और शीतकाल के तीन महीनों में ये सड़कें प्रभावित रहती हैं। यहां होने वाली अतिवृष्टि और बर्फबारी के कारण मार्ग क्षतिग्रस्त हो जाते हैं। इन्हें ठीक करने में कई बार वर्षों लग जाते हैं। ऐसे में पीएमजीएसवाई के तहत बनने वाली ऑलवेदर रोड पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन को सुगम बनाएंगी।
बढ़ी हुई राशि देगी विकास को रफ्तार-
केंद्र ने बजट में इस वर्ष राज्यों को अवस्थापना सुविधाओं के लिए दी जाने वाली राशि बढ़ाई है। इस वर्ष इसे 1.30 लाख करोड़ से बढ़ाकर 1.50 लाख करोड़ किया गया है। इस राशि से प्रदेश में पुल, सड़कों व भवन के साथ ही अन्य अवस्थापना निर्माण कार्य किए जाते हैं।
गत वर्ष इस मद में उत्तराखंड को 1911 करोड़ रुपये प्राप्त हुए थे। इससे प्रदेश सरकार ने नई सड़कें व पुलों के निर्माण का कार्य शुरू किया था। गत वर्ष मिली सहायता राशि के क्रम में प्रदेश सरकार इस वर्ष इस मद में 2000 करोड़ रुपये की धनराशि मिलने की उम्मीद जता रही है।
केंद्र के सहयोग से चल रही है प्रमुख योजनाएं-
प्रदेश में इस समय केंद्र के सहयोग से चारधाम आलवेदर रोड का कार्य चल रहा है। इसके साथ ही ऋषिकेश से कर्णप्रयाग तक रेल लाइन बनाई जा रही है। केंद्रीय बजट में रेल व राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए व्यवस्था की गई है। यद्यपि, इसमें उत्तराखंड को कितना लाभ मिलेगा, यह बाद में पता चलेगा। इस क्षेत्र में भी प्रदेश सरकार उम्मीदें लगाए हुए है।
कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि केंद्रीय बजट में पीएमजीएसवाई के चौथे चरण में उत्तराखंड की 2011 की जनगणना के अनुसार 250 से अधिक आबादी वाले क्षेत्र में 1844 किमी का निर्माण किया जाएगा। इससे ग्रामीणों को आवाजाही की सुविधा मिलेगी और आर्थिक विकास में भी योगदान हासिल होगा।
अब तक 1864 गांवों को सड़क से जोड़ा जा चुका है-
प्रदेश में यह योजना वर्ष 2001 में शुरू की गई थी। वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार प्रदेश में 250 से अधिक आबादी वाले 1864 गांव योजना में शामिल किए गए। इनमें से अब तक 1864 गांवों को सड़क से जोड़ा जा चुका है। इसके लिए 20188 किमी सड़क का निर्माण किया गया है।
इसमें 10110 करोड़ की लागत आई है। सरकार का लक्ष्य अवशेष 18 गांवों को मार्ग 2025 तक जोडऩे का है। अब पीएएमजीएसवाई के चौथे चरण में वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 474 गांवों के योजना में शामिल होने की उम्मीद है।