Kawad Yatra 2024: उत्तराखंड के हरिद्वार में कांवड़ यात्रा अपने चरम पर पहुंच चुकी है ‘नवयुवक मित्र मंडल’ के साथ हरिद्वार से गंगाजल भरकर दिल्ली लोनी जा रहे शिवभक्तों की कांवड़ को देखने के लिए सड़क पर लोगों की काफी भीड़ इक्कठा हो रही है। आपने भोलेनाथ के निमित्त कांवड में गंगाजल लेकर यात्रा करते हुए बहुत से कांवड़ियों को देखा होगा लेकिन यह कांवड़ बाकि कांवड़ से बिल्कुल भिन्न है।
इस कांवड़ में दिल्ली लोनी के शिवभक्तों ने भगवान शंकर को अपने कंधों पर बैठाया हुआ है, जिसके आगे महाकाल बाइक चल रही है और पीछे की ओर भगवान शिव अपनी जटाओं से गंगाजल की बरसात करते हुए चल रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जब शिवभक्तों से इस कांवड़ के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इसे देश को समर्पित बताया और कहा कि भारत देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की मनोकामनाओं को लेकर उनके ग्रुप ने यह कांवड़ बनाई है। इस कांवड़ को बनाने में लाखों रुपये खर्च हुए और एक महीने से ज्यादा का समय लगा है।
भजनों पर थिरकते हुए कर रहें यात्रा –
उत्तराखंड के हरिद्वार में कांवड़ यात्रा अपने चरम पर पहुंच चुकी है। धर्मनगरी में सुंदर और अनोखी कांवड़ दिखने का सिलसिला जोरो से जारी है। दूसरे प्रदेशों से आए कांवड़िए हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने लक्ष्य को रवाना हो रहे हैं। श्रद्धालु अपनी मान्यताओं के अनुसार गंगाजल भरकर शिव के भजनों पर नाचते हुए यात्रा कर रहे हैं। इन श्रद्धालुओं को देखने के लिए स्थानीय लोगों का भीड़ भी लगा रहता है और हर कोई इनकी कांवड़ की तस्वीरें अपने फोन में कैद करने से खुद को रोक नहीं पाता। ऐसे में कुछ श्रद्धालु भगवान शिव को अपने कंधों पर बैठाकर हरिद्वार से करीब 250 किलोमीटर का सफर तय करके शिवलिंग पर पवित्र गंगाजल अर्पित करेंगे।
250 किलोमीटर की पैदल यात्रा-
‘नवयुवक मित्र मंडल’ के तरुण भोला ने कहा कि उन्होंने सनातन धर्म को बढ़ाने और अपने माता-पिता की लंबी उम्र के लिए भगवान शिव की यह अनोखी कांवड़ उठाई है। उनका हरिद्वार से दिल्ली लोनी तक का सफर 10 दिन का है। इन 10 दिनों में उनका ग्रुप 250 किलोमीटर पैदल यात्रा करेगा। समूह के एक अन्य कांवड़िए नितिन बताते हैं कि उनके ग्रुप का प्यार बना रहे, इसलिए वह हर साल कांवड़ यात्रा करते हैं। उन्होंने अपने माता-पिता और हिंदू धर्म को बढ़ाने के लिए भगवान शिव से कामना की है। युवा नशा छोड़कर भगवान शिव के चरणों में श्रद्धा भक्ति से जुड़ें और हिंदू राष्ट्र को और भी मजबूत करें।
सबसे अनोखी और अद्भुत कांवड़-
ग्रुप के सदस्य साहिल बताते हैं कि उनका ग्रुप हर साल कांवड़ यात्रा करता है। हर साल हरिद्वार से दिल्ली तक का उनका सफर रहता है। सभी हिंदुओं में एकता बनी रहे, सभी मिल-जुलकर रहें और आपसी प्यार बना रहे, यह उनकी कामना है। ग्रुप के राघव भोला बताते हैं कि हर साल ग्रुप में सदस्यों की संख्या बढती ही जाती है। यह कांवड़ यात्रा अनोखी और अद्भुत कांवड़ होती है, इस यात्रा में सबका यही होता है कि जो भी उनकी कांवड़ को देखे, वो भी इससे प्रभावित होकर कांवड़ लेकर आए। वह जहां से भी अपनी कांवड़ यात्रा लेकर जाते हैं, लोग आकर भगवान शिव के चरणों में माथा टेकते हैं, जिससे उन्हें और उनके ग्रुप को बहुत बढ़ावा मिलता है।