3D SCHOOL: हमारा देश तकनीक के मामले में अन्य देशों से काफी आगे निकल रहा है। बढती तकनीक का अंदाजा इस बात से लगा सकते है कि कुछ महीने पहले अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर स्कूल में आग लगने के कारण वे पूरी तरह से नष्ट हो गया था ।आज वह स्कूल फिर से बनकर तैयार हो गया है और वहां पर बच्चे पढ़ भी रहे हैं। यह भारत का पहला 3D प्रिंटेड स्कूल है।
3D प्रिंटर,3D मूवी और3D पेंटिंग के बारे में तो अपने जरुर सुना होगा लेकिन क्या आपने कभी ऐसे स्कूल के बारे में सुना है, जो 3 डी प्रिंटेड है।आप को जानकर हैरानी होगी कि अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर स्कूल जो आग के कारण बुरी तरह से बर्बाद हो गया था आज वह देश का पहला 3 डी प्रिंटेड स्कूल बनकर तैयार हुआ है। यह कमाल 3डी प्रिंटिंग तकनीक की मदद से हो पाया है।जो किफायती होने के साथ-साथ सस्टेनेबल भी है। अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर स्कूल की जानकारी साझा की। उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि, “ईटानगर के पाचिन में सरकारी माध्यमिक विद्यालय भारत का पहला 3डी प्रिंटेड स्कूल बन गया है।”
कितने महीने में हुआ तैयार-
ईटानगर के पाचिन के गवर्नमेंट सेकेंडरी स्कूल में आग पिछले साल 3 नवंबर को लग गई थी। यह एक गर्ल्स अथवा बालिका स्कूल है। आग लगने से वजह से स्कूल की नौ कक्षाएं बुरी तरह आग की चपेट में आ गई थी। इस आग में स्कूल के सभी फर्नीचर बेंच, टेबल और बिजली के उपकरण नष्ट हो गएं। जिसके कारण लड़कियों की पढ़ाई भी प्रभावित हो गई थी, जिसे देखते हुए जल्द से जल्द नए स्कूल को बनाने का काम शुरू किया गया। मार्च 2024 में इस स्कूल की नींव रखी गईं। मई महीने में 3 डी प्रिंटिंग प्रक्रिया शुरू की गई। देश में पहली बार किसी स्कूल को 3 डी प्रिंटिंग प्रक्रिया या तकनीक से बनाया गया है। जून 2024 में 3 डी प्रिंटिंग वाला यह स्कूल बनकर तैयार हो गया। अत्याधुनिक 3डी प्रिंटिंग तकनीक का उपयोग करके केवल दो महीने के रिकॉर्ड समय में इस स्कूल को बनाया गया।
कंक्रीट प्रिंटिंग का उपयोग –
एक अधिकारी ने बताया कि 3डी कंक्रीट प्रिंटिंग का उपयोग करके स्कूल को पारंपरिक निर्माण विधियों की तुलना में अधिक कुशल और लागत प्रभावी तरीके से बनाया गया है। कंस्ट्रक्शन फील्ड में 3डी प्रिंटिंग के इस्तेमाल से न केवल शैक्षणिक सुविधा बहाल हुई है बल्कि भवन और बुनियादी ढांचे के विकास के क्षेत्र में इस उन्नत तकनीक की क्षमता भी सामने आई है। और उन्होंने यह भी कहा कि “भारत के पहले 3डी-प्रिंटेड स्कूल का सफलतापूर्वक पूरा होना भविष्य की परियोजनाओं के लिए एक मिसाल कायम करता है और निर्माण उद्योग में उन्नत तकनीकों को एकीकृत करने की संभावनाओं को उजागर करता है।”