Friday, September 13, 2024

25.1 C
Delhi
Friday, September 13, 2024

Homeप्रदेशदुनिया से जाते-जाते कांवड़ यात्री ने तीन लोगों को दिया नवजीवन, अंगदान...

दुनिया से जाते-जाते कांवड़ यात्री ने तीन लोगों को दिया नवजीवन, अंगदान के लिए कैसे राजी हुए स्वजन ?

ऋषिकेश। भले ही कांवड़ यात्री सचिन ने दुनिया से विदा ले लिया हो, लेकिन जाते-जाते वह तीन लोगों को नवजीवन दे गए। कोमा में जाने के बाद जब सचिन के जीवन की उम्मीद खत्म हो गई तो एम्स ऋषिकेश के चिकित्सकों ने स्वजन को उनके अंगदान करने के लिए प्रेरित किया।

स्वजन राजी हुए और सचिन के अंगदान से न सिर्फ तीन लोगों को नया जीवन मिला, बल्कि दृष्टि खो चुके दो अन्य लोगों के जीवन में रोशनी भी लौट आई। हरियाणा से हरिद्वार के आने के दौरान रुड़की में सड़क दुर्घटना में वह बुरी तरह घायल हो गए। सचिन के पिता की पंचर जोड़ने की दुकान है।

अंगों को समय से एवं सुरक्षित रूप में पहुंचाया एयरपोर्ट

परिवार में पिता के अलावा उनकी पत्नी, दो बच्चे और एक छोटा भाई है। विदित हो कि दोपहर देहरादून पुलिस ने ऋषिकेश एम्स से ग्रीन कॉरिडोर बनाकर सचिन के दान किए गए अंगों को ससमय एवं सुरक्षित जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचाया था।

28 किमी की यह दूरी देहरादून पुलिस ने ऋषिकेश पुलिस के कुशल यातायात प्रबंधन से महज 18 मिनट में तय की। महेंद्रगढ़ (हरियाणा) निवासी सचिन (25) बीती 23 जुलाई को रुड़की मे हुई सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल हो गए थे। सचिन के सिर में गहरी चोट आई थी और उन्हें एम्स ऋषिकेश में भर्ती कराया गया था।

चिकित्सकों की कमेटी ने सचिन को किया ब्रेन डेड घोषित

यहां उन्हें ट्रामा सेंटर के न्यूरो सर्जरी आइसीयू में रखा गया था, लेकिन कोमा में चले जाने के कारण इलाज कर रहे विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमेटी ने बीती 30 जुलाई को उन्हें ब्रेन डेड घोषित कर दिया। संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रो. मीनू सिंह व चिकित्सकों की एक टीम ने सचिन के स्वजन से संपर्क कर उन्हें अंगदान के लिए प्रेरित किया। सचिन के अंगदान से तीन व्यक्तियों को नया जीवन मिला है।

सचिन के दोनों कार्निया आइ बैंक में सुरक्षित- 

पीजीआइ चंडीगढ़ में भर्ती एक व्यक्ति को किडनी और पैंक्रियाज और दिल्ली स्थित इंस्टीट्यूट आफ लिवर एंड बिलियरी साइंसेज (आइएलबीएस) में भर्ती दो अलग-अलग व्यक्तियों को किडनी और लिवर प्रत्यारोपित किए गए। सचिन के दोनों कार्निया भी आइ बैंक में सुरक्षित रखवाए गए हैं, जिन्हें शीघ्र ही जरूरतमंद की आंखों में प्रत्यारोपित कर दिया जाएगा।

प्रो. मीनू सिंह, कार्यकारी निदेशक, एम्स ऋषिकेश ने बताया कि सचिन ने कई लोगों को जीवन दान दिया है। इस मामले में एम्स उन्हें एक मूक नायक के रूप में हमेशा याद रखेगा। 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Most Popular

error: Content is protected !!