Tallital Market of Nainital: उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है। जहां पर पर्यटकों की सबसे ज्यादा भीड़ देखी जाती है। वहीं नैनीताल की सरोवर नगरी सभी पर्यटकों की पहली पसंद है। इस जगह पर देश के कोने कोने से कई लोग घूमने आते है यहाँ हर साल लाखों की संख्या में पर्यटक आते है साथ ही वह कई एक्टिविटी के साथ ही यहां के बाजारों का भी आनंद लेते हैं, लेकिन नैनीताल में एक बाजार ऐसा भी है, जो पर्यटकों से अभी भी अछूता रह जाता है। जबकि यह नैनीताल का सबसे पुराना और मुख्य बाजार है।
हम आपको नैनीताल के तल्लीताल बाजार के बारे में बताएगे जो की झील के किनारे स्थित है। इस बाजार में आपको तमाम तरह की रोजमर्रा की चीजें आसानी से मिल जाएगी, लेकिन इस बाजार का व्यापक प्रचार प्रसार न होने और सौंदर्यीकरण न होने के कारण इस बाजार को नैनीताल के अन्य बाजारों के मुकाबले प्रसिद्धि नहीं मिल पाई है। यही वजह है की पर्यटक अभी भी इस बाजार को नहीं जानते है।
नैनीताल का सबसे प्राचीन बाजार-
स्थानीय दुकानदार प्रकाश बिष्ट ने बताया कि तल्लीताल बाजार नैनीताल का सबसे पुराना बाजार है। इसकी शुरुआत साल 1887 में हुई थी। तब से लेकर अब तक इस बाजार में कई बदलाव आए हैं। उन्होंने बताया की इस बाजार में खास तरीके से ऊपर घर नीचे दुकानें हैं। और सभी तरह का सामान यहां मिलता है। उन्होंने बताया की पहले यहां लोगों की काफी भीड़ रहती थी। ज्यादातर विभागों के ऑफिस नैनीताल में स्थित थे। उस दौर में शाम 4 बजे से देर रात तक इस बाजार में बेहद भीड़ रहती थी, लेकिन ऑफिस से भीमताल हल्द्वानी शिफ्ट हो जाने के बाद इस बाजार की रौनक भी चली गई।
क्या है वजह-
तल्लीताल व्यापार मंडल के सचिव अमनदीप सिंह ने बताया कि 25 से 30 साल पहले नैनीताल में काफी संख्या में पर्यटक पहुंचते थे। खास बात ये थी कि उस दौर में पर्यटक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सहायता से नैनीताल पहुंचते थे। पर्यटक तल्लीताल बस अड्डे में या फिर टैक्सी स्टैंड में गाड़ी से उतरकर सबसे पहले होटल, रेस्टोरेंट और अन्य चीजों के लिए तल्लीताल बाजार का रुख करते थे। लेकिन समय बीतते बीतते लोगों ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट का इस्तेमाल करना एक दम से कम कर दिया और वो अपने निजी वाहन के जरिए नैनीताल आने लगे। लेकिन प्रशासन द्वारा तल्लीताल में पार्किंग का निर्माण नहीं किया गया। जिस वजह से पर्यटक मल्लीताल गाड़ी पार्क कर वहां के बाजार घूमने लगे।
किस कारण से अछूता है यह बाजार-
अमनदीप बताते हैं कि तल्लीताल बाजार का उस तरह से कायाकल्प नहीं किया गया। जैसा नैनीताल की अन्य बाजारों का किया गया। न ही कोई पर्यटक स्थल बाजार में बनाया गया। न ही किसी तरह का कोई खास सौंदर्यकरण बाजार का किया गया। तीन सालों की मांग के बाद एक गेट तल्लीताल बाजार के प्रवेश पर आजकल लगाया गया है, लेकिन वो भी अधूरा है। उन्होंने बताया की प्रशासन की अनदेखी की वजह से ही नैनीताल का ये सबसे पुराना बाजार पर्यटकों से अछूता है।