Srinagar Garhwal: आज के समय में सभी युवा कमाने के लिए बड़े शहरों में जाते है तो कुछ लोग बड़े शहर से आकर छोटे गाँव व इलाके में अपना व्यवसाय खोलते है बता दें कि कुछ ऐसा ही कर दिखाया है पौड़ी जिले के कोट ब्लॉक के क्यूराली गांव के रहने वाले आनंद नेगी ने। वैसे तो आनंद का जन्म दिल्ली में हुआ, लेकिन उनका पैतृक गांव क्यूराली है। वे जब भी अपने गांव आते थे, तो उनका प्रकृति और हरियाली पेड़ पौधों के लिए प्रेम उमड़ आता था।
हालांकि दिल्ली में रहने के बाद भी उन्होंने पहाड़ की पीड़ा और दर्द को समझा और वापस गांव लौट कर 100 नाली बंजर पड़ी जमीन पर बागवानी और कृषि करने लगे। बहुत परिश्रम और मेहनत की बदौलत उन्होंने 2022 में 550 सेब की पौध लगाएं, जो वर्तमान में अच्छे फल दे रही हैं।सेब के साथ ही आंनद कई सब्जियों और दालों की खेती भी कर रहे हैं।
बंजर जमीन को किया आबाद-
आनंद नेगी बताते हैं कि उनका जन्म दिल्ली में हुआ, लेकिन वह समय समय पर गांव आते थे। जिसके बाद उन्हें प्रकृति से प्रेम होने लगा। उन्होंने देखा कि गांव के लोग पलायन कर शहर की ओर जा रहे हैं। जिसके बाद वे वापस गांव लौट आये और 35 सालों से बंजर पड़ी 100 नाली भूमि पर बागवानी और खेती करने लगे। बताया कि शुरुआती समय में 5 से 6 सालों तक उन्होंने जीतोड़ मेहनत की और वे निराश नहीं हुए।
किसान आनंद ने क्या बताया-
किसान आनंद बताते हैं कि अगर किसी काम को करने की मन मे ठान लो तो भगवान भी आपकी मदद करते हैं। उसका ही परिणाम है कि 2022 में एप्पल मिशन के तहत उद्यान विभाग की ओर से उन्हें 80 प्रतिशत सब्सिडी पर 550 सेब केपौधे ली गई। जो पेडों के रूप में अब तब्दील होकर कर अच्छे फल दे रहे हैं।
इस खेती से कमा रहे मुनाफा–
विषम भगौलिक परिस्थिति और पानी की समस्या के बावजूद भी सेब की पौध लगाने के बाद लगातार बारिश हुई और मौसम ने साथ दिया। जिसका परिणाम यह रहा कि आज उनके पास पौड़ी गढ़वाल का सबसे अच्छा सेबों का बगीचा है और वे इस खेती से बहुत बढ़िया और अच्छा मुनाफा कमा रहे है। अगर आगे चलकर सब कुछ ठीक रहा तो वे इस वर्ष 1 हजार और पौध सेब की लगाएंगे। सेब के साथ ही वे सब्जियां और दालें आदि भी उगा रहे हैं।