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Uttarakhand: पड़ोसी देश से आए 156 शरणार्थियों को मिली नागरिकता, क्या है प्रक्रिया?

Uttarakhand: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) लागू होने के बाद अब उत्तराखंड में बसे 156 शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता मिली है। जानकारी के मुताबिक, इनमें से पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आए हिंदू-सिख शरणार्थी शामिल हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इन सभी के प्रार्थनापत्र को चेक करने के बाद मंजूरी दे दी है।

21 लोगों को मिल चुके प्रमाणपत्र- 

अगर बात कि जाए तो सबसे अधिक देहरादून और ऋषिकेश के 145 शरणार्थियों को इस मौके का लाभ मिला है। इनमें से 21 लोगों को उनके प्रमाणपत्र भी मिल चुके हैं, और बाकि बचे लोग अपने प्रमाणपत्र का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। गौरतलब है कि वर्ष 2020 में बने सीएए को इस वर्ष मार्च में पूरे देश में लागू किया गया था। उत्तराखंड में भी भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय से बड़ी संख्या में हिंदू और सिख शरणार्थी रह रहे थे।

अजय कोठियाल ने क्या कहा-

इन्हें भी अन्य हजारों शरणार्थियों की तरह नागरिकता मिलने का इंतजार था। सबसे बड़ी संख्या राजधानी में ही है। इन लोगों को भारत की नागरिकता दिलाने के लिए सीमा जागरण मंच और हिंदू जागरण मंच की ओर से कोशिश की गई। सीमा जागरण मंच के सदस्य कर्नल (सेनि.) अजय कोठियाल ने बताया, पिछले दिनों संगठन ने प्रदेशभर से कुल 156 शरणार्थियों के प्रार्थनापत्रों को केंद्रीय गृह मंत्रालय पहुंचाया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दी मंजूरी- 

इनमें अफगानिस्तान से आए सात हिंदू और सिख शामिल थे। ये लगभग 34 साल पहले तालिबान के डर से भारत आ गए थे, जबकि पाकिस्तान से आए 149 शरणार्थी शामिल थे। इनमें से ज्यादातर बंटवारे के समय से राज्य में रह रहे थे। कोठियाल ने बताया, जरूरी प्रक्रिया के बाद इन सभी के प्रार्थनापत्रों को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मंजूरी दे दी है।

इनमें से 21 लोगों ने अपने प्रमाणपत्र भी डाउनलोड कर लिए हैं। प्रदेश के अन्य जगहों पर रह रहे इस तरह के शरणार्थियों का डाटा भी जुटाया जा रहा है। लंबी लड़ाई के बाद अब भारतीय नागरिकता मिलने के बाद इन परिवारों के चेहरे पर ख़ुशी दिख रही है।

 किस तरह होती है प्रक्रिया

कर्नल कोठियाल ने बताया, शरणार्थियों के प्रार्थनापत्र पर पहले जिला स्तरीय समिति विचार विमर्श करती है। बाद में इंटेलीजेंस जांच कराई जाती है। इंटेलीजेंस से अनापत्ति प्रमाणपत्र मिलने के बाद अगली और अंतिम प्रक्रिया साक्षात्कार की होती है। इसके बाद प्रार्थनापत्रों पर मंजूरी और नामंजूरी का फैसला लिया जाता है। अंत में मंजूरी मिलने पर व्यक्ति विशेष को प्रमाणपत्र डाउनलोड करने होते हैं।

किन जिलों में रहने वालों को मिली नागरिकता

देहरादून-    145

हरिद्वार-       02

उत्तरकाशी-  01

टिहरी-         01

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