NCERT: चुनाव के दौरान संविधान एक अहम मुद्दा बना था। कांग्रेस अभी भी किसी न किसी तरह इसे हवा देने की कोशिश में है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को नैशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) की कुछ किताबों से संविधान की प्रस्तावना को हटाए जाने का आरोप लगाया और एनसीईआरटी की नई पाठ्यपुस्तकों से संविधान की प्रस्तावना हटाने के मुद्दे पर एक दिन पहले ही केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने स्पष्ट किया था यह गलत जानकारी फैलाई जा रही है।
जेपी नड्डा ने क्या कहा?
इसके बाद सदन के नेता जे. पी. नड्डा ने खरगे के आरोपों को आधार रहित बताते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चलने वाली सरकार ने जितना संविधान को सम्मान देकर आगे बढ़ाना तय किया है, उतना किसी सरकार ने नहीं किया। सरकार संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है,आगे नड्डा ने कहा कि संविधान की प्रस्तावना के साथ छेड़छाड़ करने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने आपातकाल का जिक्र करते हुए कहा कि संविधान के ऊपर डाका तो 25 जून 1975 को डाला गया था और संविधान की धज्जियां उड़ा दी गई थीं।
शिक्षा मंत्री ने दिया जवाब –
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि NCERT ने किताबों में भारत के संविधान के विभिन्न पहलुओं- प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकार, राष्ट्रगान को उचित महत्व और सम्मान दिया है। अभी तक कक्षा छह की जो नई किताबें आई हैं, उनमें भी प्रस्तावना है। न केवल प्रस्तावना बल्कि उसके साथ मौलिक अधिकार, मौलिक कर्तव्य, राष्ट्रगान है और ये भी संविधान की प्रस्तावना और उसके मूल्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं। इन सभी विषयों को रखा गया है। बता दें कि इससे पहले विपक्ष के नेता खरगे ने इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाया और अखबारों में छपी खबरों का हवाला देते हुए यह दावा किया कि NCERT की कुछ किताबों से संविधान की प्रस्तावना को हटा दिया गया है। इसमें किसी भी प्रकार का बदलाव देश को लोगों को स्वीकार नहीं होगा।
बाद में शिक्षा मंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता ने कुछ ऐसे मुद्दे उठाए हैं जो तथ्यों से परे हैं। एक अखबार की खबर का हवाला देते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि किताबों में शामिल प्रस्तावना को छठी कक्षा की पुस्तक से हटा दिया गया है। यह साफ किया गया है कि छठी कक्षा के लिए NCERT की नई पुस्तकों में प्रस्तावना, मौलिक कर्तव्य, मौलिक अधिकार और राष्ट्रगान जैसी सब चीजें हैं। शिक्षा मंत्री ने कहा कि कांग्रेस हताश है। उसने संविधान का सबसे अधिक अपमान किया है और अब वह झूठ फैला रही है।
RSS को लेकर भी तीखी टिप्पणी-
खरने ने पाठ्यपुस्तकों से संविधान का प्रस्ताव हटाने के आरोपों के साथ ही बाबा साहब की प्रतिमा हटाने और आरएसएस को लेकर भी तीखी टिप्पणी की। नड्डा ने अपनी बारी में इस पर जवाब दिया और कहा आरएसएस एक राष्ट्रवादी संगठन है। आपकी सरकार ने तो दो बार प्रतिबंध लगाने की कोशिश की। मीसा के तहत लोगों को जेल में डाला लेकिन संघ हर बार उतना ही मजबूत होकर निकला। संघ और भाजपा दोनों मां भारती की सेवा के लिए पूरी ताकत से लगी है।