UTTARAKHAND: धामी मंत्रिमंडल के विस्तार का विषय फिर से एक बार चर्चा में बना हुआ है। पिछले 15 दिनों के दौरान विधायकों, मंत्रियों, सांसदों और पूर्व मुख्यमंत्रियों की छोटी-छोटी मुलाकातें उत्तराखंड में विस्तार की ओर इशारा कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली से लौटते ही देहरादून में कैबिनेट विस्तार और दर्जाधारियों की खाली कुर्सियों को भरने की आहट हो गई है।
क्या चुनाव से पहले हो सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार ?
ऐसा माना जा रहा है कि निकाय चुनाव से पहले मुख्यमंत्री कैबिनेट के परिवार ने वृद्धि हो सकती है क्योंकि फिलहाल में उनके मंत्रिमंडल में चार पद खाली हैं। बेशक कैबिनेट मंत्री रहे चंदन राम दास के निधन के बाद से ही कैबिनेट में बदलाव की बातें होती रही हैं। लेकिन इस बार इसे लेकर चर्चाएं बहुत तेज हैं। इसके लिए कुछ प्रमुख मेल मुलाकातों को आधार माना जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक, मंत्रिमंडल विस्तार होने पर चार विधायकों की धमाकेदार लॉटरी लग सकती है। यह भी कहा जा रहा है कि कुछ मंत्री या उनके विभाग भी बदले जा सकते हैं। सूत्रों के मुताबिक, अक्टूबर में संभावित नगर निकाय चुनाव से पहले मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है।
जानें कितने मंत्री पद है खाली ?
मुख्यमंत्री धामी ने अपने दूसरे कार्यकाल की जब शपथ ली थी, तब मंत्रिमंडल में कुल तीन पद खाली रखे गए थे। राज्य में मुख्यमंत्री के साथ 12 सदस्य ही मंत्रिमंडल में शामिल हो सकते हैं। बाद में कैबिनेट मंत्री चंदन राम दास के निधन के कारण मंत्रिमंडल में रिक्त पदों की संख्या बढ़कर चार हो गई। इस सबको देखते हुए अक्सर ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा होती आई है। मुख्यमंत्री के दिल्ली दौरों के दौरान इसे लेकर काफी चर्चा होती है।
अब यह विषय फिर से चर्चा के केंद्र में है। वजह है मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का हालिया दिल्ली दौरा। यही नहीं, कई मंत्रियों ने भी इस बीच दिल्ली दौड़ लगाकर शीर्षस्थ नेताओं के दरबार में अपनी हाजिरी लगाई। इसे लेकर एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में भी हलचल होने लगी। यद्यपि, मुख्यमंत्री को तो अक्सर दिल्ली जाना पड़ता है, लेकिन मंत्रियों की दिल्ली दौड़ को सामान्य नहीं माना जा रहा। इसे मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़कर भी देखा जा रहा है।
कैबिनेट विस्तार की खबरों में हुई गरमाहट –
दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री ने जिस तरह से पूर्व कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, अरविंद पांडेय, बंशीधर भगत, बिशन सिंह चुफाल के अलावा कई नए व पुराने विधायकों से सिलसिलेवार मुलाकातें कीं,जिसे लेकर कैबिनेट विस्तार की अटकलों को भी ताकत मिली है।इन अटकलों के बीच यह बात भी काफी साफ हो चुकी है क्योंकि सीएम ने अपनी ओर कैबिनेट विस्तार की संभावना के अभी तक कोई संकेत नहीं दिए हैं। दिल्ली जाने से पहले मुख्यमंत्री धामी से मीडिया कर्मियों ने कैबिनेट विस्तार की संभावना से जुड़ा प्रश्न पूछा भी था। लेकिन इस प्रश्न पर वह इसे मुस्करा कर टाल दिए थे। धामी सरकार को करीब सवा दो महीने का कार्यकाल हो चुका है और जैसे-जैसे समय बीत रहा है, कैबिनेट विस्तार को लेकर संगठन के स्तर से भी दबाव है। इस बार संगठन के भीतर भी कैबिनेट विस्तार की चर्चाएं बहुत गरमा रही हैं। ऐसा भी माना जा रहा है कि सीएम धामी के पास कैबिनेट विस्तार के बहाने अपने मंत्रियों की परफॉरमेंस का आकलन करने का मौका है।
विस्तार के साथ कुछ मंत्रियों में भी किए जा सकते है बदलाव-
हाल ही में भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री एवं उत्तराखंड प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम ने संकेत दिए थे कि धामी मंत्रिमंडल में रिक्त मंत्री पदों को बहुत जल्द ही भरा जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली प्रवास से यह संभावना जताई गई कि वे मंत्रिमंडल विस्तार के संबंध में केंद्रीय नेतृत्व से विचार-विमर्श कर सकते हैं। हालांकि, सरकार और संगठन की ओर से इस बारे में स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा रहा है, लेकिन सभी की निगाहें इस संभावित मंत्रिमंडल विस्तार पर टिकी हुई हैं।
चर्चा है कि आने वाले दिनों में मंत्रिमंडल विस्तार के साथ-साथ कुछ मंत्रियों या उनके विभागों में भी बदलाव किए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री से कुछ विधायकों की हाल की मुलाकात को इसी संदर्भ में देखा जा रहा है। जबकि मंत्रिमंडल विस्तार की तारीख अभी भी स्पष्ट नहीं है, इससे जुड़े संभावित बदलावों ने मंत्री पद की उम्मीद लगाए बैठे नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं।