Multan Jyot Mahotsav: हरिद्वार में 11 अगस्त को 114 वां मुल्तान जोत महोत्सव मनाया गया था। देश के विभिन्न राज्यों से आए मुलतानी समाज के हजारों लोगों ने हरकी पैड़ी पर मां गंगा के साथ दूध की होली खेली और शाम को सभी श्रद्धालु मां गंगा में जोत भी प्रवाहित किए
लोगों के बीच दिखा काफी उत्साह –
मुल्तान जोत महोत्सव में लोगों के बीच काफी उत्साह दिखाई दिया था। बता दें कि जोत से पहले सभी लोग एक दूसरे को गुलाल लगते है और गंगा मैया का उद्घोष के साथ ही गंगा की अविरलता और निर्मलता की शपथ ली जाती है। गंगा मैया का दुग्धाभिषेक और पूजा अर्चना के साथ जोत गंगा में प्रवाहित की जाती है।
पैड़ी का नजारा किसी खास उत्सव की तरह आया नजर-
मुल्तान जोत महोत्सव में देश के कई राज्यों से मुल्तानी समाज के लोग हजारों की तादाद में हरिद्वार पहुंचे थे। सुबह के समय हर की पैड़ी पहुंचे अखिल भारतीय मुल्तान संगठन से जुड़े श्रद्धालुओं ने हर की पैड़ी पर हजारों लीटर दूध चढ़ाया और पुष्प भी अर्पित किए। इस दौरान हर की पैड़ी का नजारा किसी खास उत्सव की तरह नजर आया। संगठन से जुड़े लोगों का कहना है कि मुल्तान जोत महोत्सव विगत कई वर्षो से लगातार मनाया जा रहा है।
पाकिस्तान से क्या है इसका कनेक्शन
अखिल भारतीय मुल्तान संगठन के अध्यक्ष डॉ महेंद्र नागपाल ने बताया कि मुल्तान जोत महोत्सव का आयोजन 1911 से किया जा रहा है।भक्त रूपचंद की ओर से पाकिस्तान में बसे मुल्तान से पैदल चलकर समाज के भाईचारे एवं शांति की कामना को लेकर हरिद्वार में गंगा मैया को जोत अर्पित की थी। तभी से प्रतिवर्ष बड़े पैमाने पर भव्य रूप से इसे मनाया जा रहा है।
अखिल भारतीय मुलतान संगठन के अध्यक्ष डा. महेंद्र नागपाल ने बताया कि जोत महोत्सव की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं। कार्यक्रम के दौरान भव्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हवन, यज्ञ व सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया गया। भाईचारे के प्रतीक जोत महोत्सव में हरिद्वार, ज्वालापुर, देहरादून, सहारनपुर आदि से भी श्रद्धालु शामिल हुए।