UTTRAKHAND: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के दयारा बुग्याल में पौराणिक और धार्मिक बटर फेस्टिवल, जिसे अढूंड़ी उत्सव के नाम से भी जाना जाता है, इस पर्व को पर्यटकों की उपस्थिति में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस उत्सव में लोगों ने दूध, मक्खन और मट्ठे से होली खेली। भगवान सोमेश्वर देवता की डोली की पूजा अर्चना के साथ ग्रामीणों ने प्रकृति के प्रति आभार जताया और सभी लोगों ने क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली की कामना की। देश-विदेश से आए पर्यटकों ने भी इस अनोखे पर्व में भाग लिया और एक-दूसरे पर दूध, मक्खन और मट्ठा लगाकर होली खेली। भटवाड़ी ब्लॉक के पंचगई क्षेत्र के विभिन्न गांवों के निवासियों ने 11 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित दयारा बुग्याल में इस उत्सव को धूमधाम और उत्त्साह के साथ मनाया गया।
जानें क्या है धार्मिक मान्यता-
आपको बता दें कि बटर फेस्टिवल के दौरान टिहरी, उत्तरकाशी, देहरादून और अन्य जिलों से पर्यटकों ने बड़ी संख्या में पहुंचकर इस अनोखे पर्व का बहुत आनंद लिया।इस पर्व को मानाने का उद्देश्य प्रकृति के प्रति आभार जताने से हैं। बता दें कि, इसके FESTIVAL के पीछे के धार्मिक मान्यता जुडी हुई है। बुग्यालों में ग्रीष्मकाल के दौरान ग्रामीण अपने पशुओं को चराने के लिए ले जाते हैं, जहां पशुधन की समृद्धि होती है। ग्रामीण इस समृद्धि को संजोने और उसका सम्मान करने के लिए बटर फेस्टिवल का आयोजन करते हैं।
सुरेश चौहान भी इस अवसर पर रहे उपस्थित –
शुक्रवार को संक्रांति के शुभ अवसर पर दयारा बुग्याल में बटर फेस्टिवल की धूम रही, जिसमें सोमेश्वर देवता की डोली की मौजूदगी ने इस पर्व को और भी पवित्र और महत्वपूर्ण बना दिया। गंगोत्री विधायक सुरेश चौहान भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। उन्होंने ग्रामीणों को पर्व की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी दयारा बुग्याल के विकास को लेकर अत्यधिक चिंतित हैं। सरकार द्वारा दयारा बुग्याल तक रोपवे सहित अन्य आधारभूत सुविधाएं जुटाने के लिए व्यापक कार्य किए जा रहे हैं। इस प्रकार बटर फेस्टिवल न केवल एक धार्मिक और सांस्कृतिक पर्व है, बल्कि यह क्षेत्रीय विकास और पर्यटन को भी बढ़ावा देने वाला एक महत्वपूर्ण आयोजन है।