Uttarakhand: उत्तराखंड की पहचान कहीं ना कहीं धार्मिक यात्राओं से की जाती है। राज्य की सुन्दरता यहां के मौसम और वादियों से बढ़ती है। लेकिन अब यही चीजें यात्राओं में अवरोध उत्पन्न कर रहें हैं। बता दें कि केदारनाथ यात्रा में मौसम सबसे बड़ी बाधा बनी हुई है। बारिश के चलते सुबह 8.30 बजे से केदारनाथ पैदल यात्रा सोनप्रयाग से ही रोक दी गई है क्योंकि बारिश की वजह से भूस्खलन का खतरा बना हुआ है। ऐसे में जिला प्रशासन भी अतिरिक्त सावधानी रख रहा है।
Uttarakhand: 20 लोग हुए लापता
जानकारी के मुताबिक, पिछलें दो माह में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भूस्खलन व अतिवृष्टि से यात्रियों व स्थानीय समेत 20 लोगों की मौत हो चुकी है, और लगभग 20 लोग लापता हैं। सोनप्रयाग से केदारनाथ तक हाईवे और पैदल मार्ग भूस्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील है और यहां पग-पग पर जानमाल का सबसे बड़ा खतरा बना हुआ है।
गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर बीते 21 जुलाई को सुबह चार बजे चीरबासा में भारी भूस्खलन की चपेट में आने से तीन यात्रियों की मौत हो गई थी। इस दौरान पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर और टनों मलबा गिरा था, जिससे पांच यात्री घायल भी हो गए थे।
Uttarakhand: लोगों की मदद से कई हज़ार यात्रियों को सुरक्षित निकाला गया बाहर
31 जुलाई की देर शाम को भीमबली से लिनचोली के बीच अतिवृष्टि के कारण हजारों यात्री फंस गए थे। आपदा की स्थिति में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, डीडीआरएफ, पुलिस, होमगार्ड और स्थानीय लोगों की मदद से 13,000 से अधिक यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। यह बचाव अभियान काफी चुनौतीपूर्ण था, लेकिन सभी एजेंसियों के संयुक्त प्रयासों से सफल रहा।
इसके बाद, जिलाधिकारी सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक अजय प्रह्लाद कोंडे ने सोनप्रयाग में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण किया। पुलिस अधीक्षक ने यात्रियों और स्थानीय लोगों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए शाम 5 बजे के बाद सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच दोतरफा आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि बारिश की स्थिति में यात्रियों की आवाजाही को पूरी तरह से रोक दिया जाएगा ताकि किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके।
जिलाधिकारी ने मंगलवार शाम को प्रभावित क्षेत्र का निरीक्षण कर यात्रियों की आवाजाही के तहत सतर्कता और सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा। वहीं पुलिस अधीक्षक अक्षय कोंडे ने यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर सोनप्रयाग से गौरीकुंड और गौरीकुंड से सोनप्रयाग तक शाम पांच बजे के बाद आवाजाही पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है। वहीं बारिश होने की स्थिति में पुलिस को अपने विवेकानुसार यात्रा रोकने व संचालित करने को कहा।