Brain Stroke: स्ट्रोक एक गंभीर मेडिकल इमरजेंसी है। यह तब होता है जब मस्तिष्क के किसी हिस्से में ब्लड का सर्कुलेशन रुक जाता है या मस्तिष्क में कोई खून की नस फट जाती है। इसके कारण ब्रेन सेल्स को पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता, तो वे धीरे-धीरे मरने लगती हैं, जिससे मस्तिष्क सही ढंग से काम नहीं कर पाता। ऐसी स्थिति में जितनी जल्दी हो सके, उस व्यक्ति को चिकित्सा सहायता मिलनी चाहिए, ताकि उसके ठीक होने की संभावना बढ़ सके। आपको बता दें कि इसके लिए सबसे जरुरी यह हैं कि स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान करना और सही समय पर सहायता प्रदान करना सबसे बड़ी आवश्यक है।
स्ट्रोक के क्या है लक्षण–
स्ट्रोक इमरजेंसी को हैंडल करने का सबसे पहला कदम है इसके लक्षणों को पहचानना। इसके लिए “FAST” शब्द को याद रखें।
- F(ace) चेहरा: व्यक्ति के चेहरे का एक हिस्सा लटक जाना
- A(rms) बाहें: व्यक्ति का हाथ न उठा पाना
- S(peech) बोलचाल: बोलने में परेशानी
- T(ime) समय: अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण देखें, तो बिना देरी किए तुरंत इमरजेंसी सेवाओं को कॉल करें। ।
- स्ट्रोक के अन्य लक्षणों में अचानक पैर में सुन्नता या कमजोरी, भ्रम, देखने में दिक्कत, चलने में अधिक परेशानी, चक्कर आना या बिना किसी कारण गंभीर सिरदर्द होना
स्ट्रोक वाले व्यक्ति के लिए तुरंत उठाएं कदम-
यदि आपको ऐसा लगता है कि कोई व्यक्ति स्ट्रोक का शिकार होने वाला है, तो तुरंत यह करें
- इमरजेंसी सेवाओं को कॉल करें
- व्यक्ति को शांत और आरामदायक रखें
- समय नोट करें
- व्यक्ति के साथ रहें
- स्ट्रोक का इलाज
अस्पताल पहुंचने के बाद, डॉक्टर स्ट्रोक की पुष्टि करने के लिए कुछ टेस्ट करते हैं और उसके हिसाब से इलाज तय करते हैं। इलाज इस बात पर निर्भर करता है कि स्ट्रोक का कारण ब्लड सर्कुलशन रूकना (इस्केमिक स्ट्रोक) है या ब्लीडिंग (हेमरेजिक स्ट्रोक)। और वहीं हेमरेजिक स्ट्रोक के लिए, वे खून की नस की मरम्मत या मस्तिष्क पर दबाव कम करने के लिए सर्जरी कर सकते हैं।
स्ट्रोक से कैसे करें रिकवर-
स्ट्रोक से रिकवर होने में व्यक्ति को लंबा समय लग सकता है। इसमें फिजिकल थेरेपी, ऑक्यूपेशनल थेरेपी और स्पीच थेरेपी भी शामिल होती हैं। जल्द इलाज मिलने से स्ट्रोक के बाद होने वाली कई तरह की समस्याओं से बचा जा सकता है और मरीज उसके बाद भी हेल्दी लाइफ जी सकता है।
स्ट्रोक से करें बचाव-
स्ट्रोक इमरजेंसी में क्या करना है यह जानना जीवन बचा सकता है, लेकिन स्ट्रोक से बचे रहना भी जरूरी है। यहां दिए गए सुझावों की मदद से काफी हद तक स्ट्रोक के जोखिम को कम किया जा सकता है।
BP पर करें कंट्रोल –
हाई ब्लड प्रेशर स्ट्रोक का एक प्रमुख रिस्क फैक्टर है। अगर आपको हाई BP की समस्या हो सकती है, तो इसकी नियमित जांच कराते रहें और डॉक्टर द्वारा दिए गए सुझावों का सख्ती से पालन करें।
हेल्दी डाइट में शामिल करें ये तत्व –
डाइट में फल, सब्जियों और साबुत अनाज को खासतौर से शामिल करें, जो स्ट्रोक के खतरे को कम करने में मदद कर सकते हैं।
रोज करें एक्सरसाइज-
रोजाना 20 से 30 मिनट की एक्सरसाइज करें। इससे स्ट्रोक ही नहीं, कई बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
धूम्रपान का ना करें सेवन-
धूम्रपान और अत्यधिक शराब पीने से स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। धूम्रपान छोड़ना और सीमित मात्रा में शराब का सेवन मददगार हो सकता है।