National Nutrition Week 2024: भारत में कुपोषण आज भी एक गंभीर समस्या बनी हुई है, जिससे बच्चों का शारीरिक और मानसिक विकास प्रभावित होता है, और जिसके कारण वे विभिन्न बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य के लिए सही पोषण का स्तर बनाए रखना अत्यंत जरुरी है।
इसी उद्देश्य से हर साल 01 सितंबर से 07 सितंबर तक “नेशनल न्यूट्रिशन वीक” (राष्ट्रीय पोषण सप्ताह) मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1982 में भारत सरकार द्वारा की गई थी, ताकि लोगों में पोषण के महत्व के प्रति जागरूकता फैलाई जा सके। इस सप्ताह का मुख्य उद्देश्य समाज के विभिन्न वर्गों में पोषण के महत्व को समझाना और स्वस्थ जीवन के लिए सही पोषण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। हर साल इस सप्ताह की एक थीम होती है, जो उस वर्ष के अभियान का केंद्र बिंदु होती है।
बता दें कि, भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा पोषण की जरूरत को समझते हुए सितंबर के पहले सप्ताह में नेशनल न्यूट्रिशन वीक की शुरूआत की गई। यह भारत सरकार का एक अभियान है। इसका मुख्य उद्देश्य लोगों को सही आहार के महत्व के बारे में समझाना और रोजाना पोषक तत्वों को भरपूर डाइट लेना है।
National Nutrition Week 2024: क्या है इसका महत्व
हर साल साल 1 से 7 सितंबर तक पूरे भारत में नेशनल न्यूट्रिशन वीक मनाया जाता है। इस दौरान बहुत से कार्यक्रमों का आयोजन कर लोगों में सही आहार के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य किया जाता है। इस सप्ताह के जरिए लोगों को सही पोषण और संतुलित आहार के महत्व और यह क्यों जरूरी है, इसके बारे में जानकारी दी जाती है। जिससे कि देश का हर व्यक्ति स्वस्थ और सशक्त जीवन जी सके।
National Nutrition Week 2024: 2024 में क्या रहने वाला है थीम
हर साल नेशनल न्यूट्रिशन वीक को मानाने के लिए या लोगों को उदेश्य देने के लिए हर साल एक खास थीम को चुना जाता है। इस बार यानी की साल 2024 में राष्ट्रीय पोषण सप्ताह की थीम ‘सभी के लिए पौष्टिक आहार’ रखी गई है। यह थीम हमें बताती है कि हेल्दी और पौष्टिक आहार हमारे शरीर के लिए कितना जरूरी है।
National Nutrition Week 2024: जानें पोष्टिक आहार
ऐसे में आप भी नेशनल न्यूट्रिशन वीक के दौरान अपनी हेल्थ के प्रति सचेत होते हुए अपनी डाइट में पौष्टिक चीजों को शामिल करें। कुछ आहार ऐसे होते हैं, जिनके नियमित सेवन से आपको स्वास्थ्य लाभ मिल सकता है। आपको अपनी डाइट में हरी सब्जियां, मेवे, ओट्स, दही और सोयाबीन आदि शामिल करना चाहिए।