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देहरादून में मिले रेडियो एक्टिव डिवाइस को लेकर बना हुआ है संशय, कैसे करोड़ों का हो रहा था सौदा ?

देहरादून। पांच लाख रुपये में खरीदी गई रेडियो एक्टिव डिवाइस को करोड़ों रुपये में बेचने की तैयारी चल रही थी। ये बात पुलिस पूछताछ में सामने आई है। पुलिस ने डिवाइस बरामद करने के साथ ही पांच लोगों को भी गिरफ्तार किया है। इनसे पूछताछ में पता चला कि पूर्व आयकर आयुक्त श्वेताभ सुमन ने भी इनकी मदद की थी। पुलिस ने इस मामले में दो और लोगों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। देहरादून एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपी राजपुर रोड स्थित ब्रुक एंड वुड्स सोसायटी के एक फ्लैट में रह रहे थे। ये फ्लैट पूर्व आयकर अफसर श्वेताभ सुमन का है। आरोपियों ने ये फ्लैट किराये पर लिया था। यह भी बात सामने आई है कि श्वेताभ ने इस दौरान सुमित को बताया था कि वे प्रभावशाली व्यक्ति हैं कोई परेशानी नहीं होगी।

क्या है यह पूरा मामला ?

देहरादून के राजपुर रोड स्थित वीआईपी सोसायटी के एक फ्लैट से पुलिस ने एक रेडियो एक्टिव डिवाइस बरामद की थी। पूछताछ में पता चला था कि पकड़े गए मुख्य आरोपी तबरेज आलम ने इस डिवाइस को सहारनपुर से पांच लाख रुपये में खरीदा था। अब इसका सौदा करोड़ों रुपये में किए जाने की तैयारी चल रही थी। डिवाइस के लिए एडवांस में इन्होंने छह लाख रुपये भी ले लिए थे। शुक्रवार को इस मामले में पुलिस ने अलग-अलग राज्यों से पांच लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस को एक रेडियोग्राफी कैमरा मिला है। तबरेज ने पुलिस को बताया है कि उसने करीब 11 महीने पहले सहारनपुर निवासी परिचित राशिद उर्फ समीर से ये डिवाइस खरीदी थी। राशिद ने तबरेज को बताया था कि ये डिवाइस करोड़ो रुपये में बिकेगी लेकिन उसे पैसो की आवश्यकता है इसलिए महज पांच लाख रुपये में ही दे रहा है। तबरेज ने पहले इस डिवाइस को अपने सहारनपुर स्थित फार्म हाउस में छिपाकर रखा और फिर देहरादून ले आया।

आखिर कहां गया रेडियो एक्टिव पदार्थ ?

यह सवाल भी उठ रहा कि जो डिवाइस बरामद किया गया है, उसमें रेडियो एक्टिव पदार्थ होता है, लेकिन इस डिवाइस में रेडियो एक्टिव पदार्थ की जगह कोई और केमिकल डाला गया है। डिवाइस का रेडियो एक्टिव पदार्थ हटाकर केमिकल का प्रयोग कैसे किया गया। इस पर मंथन हो रहा है कि आखिर इस डिवाइस में से रेडियो एक्टिव पदार्थ कहां गया। यह संवेदनशील डिवाइस आम लोगों तक कैसे पहुंच गई, इसको लेकर भी पुलिस माथापच्ची कर रही है।

यदि यह डिवाइस नकली साबित होती है तो फिर इसे असली बताकर करोड़ों रुपये में सौदा करने के पीछे और किसका हाथ हो सकता है। डिवाइस के साथ ही रेडियोग्राफी कैमरा भी मिला है। इसे एक आरोपी डिवाइस की जांच करने के लिए लाया था। इस मामले में पुलिस जल्द ही कुछ और लोगों को भी गिरफ्तार कर सकती है। आरोपियों से पूछताछ में दिल्ली और फरीदाबाद के कुछ लोगों के नाम भी सामने आए थे। शनिवार को पुलिस ने सहारनपुर के रहने वाले दो और आरोपियों से पूछताछ की थी।

पूर्व आयकर आयुक्त भी है आरोपी

पुलिस के अनुसार इस रेडियोएक्टिव डिवाइस का पूरा राज सहारनपुर से ही सामने आ सकता है। सहारनपुर के राशिद ने यह डिवाइस तबरेज आलम को पांच लाख रुपये में बेची थी, जिस पर अब सुरक्षा एजेंसियों ने भी अपनी जांच शुरू कर दी है। दून पुलिस की गिरफ्त में आया तबरेज लगभग 10 सालों से अपने परिवार से दूर रह रहा है। तबरेज आलम इस डिवाइस को सहारनपुर स्थित अपने फार्म में छुपाने के बाद खरीदार की तलाश में दिल्ली गया था, जहां उसे लव मल्होत्रा नाम का व्यक्ति मिला और उसने तबरेज को सुमित पाठक से मिलवाया था।

सुमित पाठक इस तरह के डिवाइस की जानकारी रखता था, इसीलिए पाठक से डिवाइस की खरीद-फरोख्त को लेकर बात हुई। इसी दौरान सरवर हुसैन भी इनसे जुड़ गया। पाठक ने सौदा पक्का करने के लिए ही तबरेज को देहरादून बुलाया था। जैद अली और अभिषेक जैन, सरवर हुसैन के कहने पर देहरादून पहुंचे थे। इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने पूर्व आयकर आयुक्त श्वेता सुमन को भी आरोपी बनाया है।

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