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कॉल सेंटर के माध्यम से विदेशी लोगों को बनाते थे निशाना, गिरोह के आठ सदस्य गिरफ्तार

Dehradun News: देहरादून में अवैध रूप से चल रहे कई कॉल सेंटर पर पुलिस कार्रवाई करते हुए अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड के एक गिरोह का खुलासा किया है। इस हो रहें फर्जी काम में पुलिस ने ग्रुप के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया है और 50 लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार लोग खुद को इंटरनेशनल एंटी हैकिंग विभाग का अधिकारी बताकर विदेशी लोगों से ठगी करते थे।

 25 हजार रुपये इनाम की घोषणा- 

कॉल सेंटर से ठगी के लिए यूएसए और कनाडा के लोगों को सबसे ज्यादा टारगेट किया जा रहा था। कॉल सेंटर में गिरोह ने बड़ा सेटअप बनाया था। पुलिस ने काफी संख्या में लैपटॉप के साथ ही कई उपकरण भी बरामद किए हैं। पुलिस इस गिरोह के सदस्यों से पूछताछ कर रही है। जानकरी के मुताबिक, इनके खातों से विदेशी खातों में ट्रांजेक्शन की जानकारी मिली है। गिरोह के पर्दाफाश पर पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम की घोषणा की गई है।

100 केबिन का एक कॉल सेंटर संचालित मिला-

SSP अजय सिंह ने बताया कि राजपुर क्षेत्र में आईटी पार्क के पास स्थित एक बिल्डिंग में फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर के संचालित होने और कॉल सेंटर के माध्यम से विदेशी लोगों से ठगी करने की जानकारी मिली थी। इसपर पुलिस अधीक्षक नगर और क्षेत्राधिकारी मसूरी के नेतृत्व में दो अलग-अलग टीमों का गठन किया गया। बुधवार की रात टीमों ने आईटी पार्क में अवैध कॉल सेंटर (ग्लोबल टेक एनर्जी सॉल्यूशन) पर छापामारी की। वहां 100 केबिन का एक कॉल सेंटर संचालित मिला। जहां अलग-अलग कैबिनों में बैठे युवक और युवतियों की ओर से कंप्यूटर सिस्टमों के माध्यम से कॉल रिसीव की जा रही थी।

SSP ने यह भी बताया कि मौके से कॉल सेंटर संचालित कर रहे मुख्य आरोपी मीहिर आश्विन भाई पटेल निवासी अहमदाबाद गुजरात हाल निवासी पेसिफिक गोल्फ स्टेट राजपुर, ललित उर्फ रोडी निवासी सहजपुर अहमदाबाद, आमीर सुहेल निवासी कोलकाता पश्चिम बंगाल, मनोज मीरपुरी निवासी पुणे महाराष्ट्र, अंकित सिंह निवासी बिहार, कौशिक जाना निवासी पश्चिम बंगाल, शिवम दुबे निवासी अहमदाबाद, गोस्वामी हेत भारती निवासी भावनगर गुजरात को गिरफ्तार कर लिया।

मुख्य आरोपी मिहिर अश्वनी और रोडी ने क्या बताया-

पूछताछ में मुख्य आरोपी मिहिर अश्वनी और ललित उर्फ रोडी ने बताया कि फर्जी कॉल सेंटर से वह यूएसए और कनाडा के लोगों को ही टारगेट करते है। वहां के लोगों से संपर्क कर खुद को इंटरनेशनल एंटी हैकिंग एजेंसी का अधिकारी बताते थे और उनके कंप्यूटर सिस्टम के हैक होने और किसी अन्य व्यक्ति द्वारा उसका एक्सेस लेकर उसका इस्तेमाल किए जाने की झूठी जानकारी देते थे। इसके बाद उसे ठीक करने के लिए पॉप अप मैसेज के माध्यम से उनके सिस्टम का एक्सेस ले लेते थे। सिस्टम को ठीक करने के बहाने उनसे ठगी करते थे।

आरोपी गिरोह को चलाने के लिए करते है सॉफ्टवेयर साधन का प्रयोग-

आरोपी कनाडा और यूएसए के लोगों से धोखाधड़ी कर फिथ थर्ड बैंक के माध्यम से रुपयों का लेनदेन करते है। इसके बाद रकम को हवाला के माध्यम से यूएसए में पहुंचाया जाता था। दून में गिरफ्तार आरोपियों की ओर से भेजे गए पॉप अप मैसेजों के दिए नंबर से ग्राहक इनसे संपर्क करते है। आरोपी इस पूरे गिरोह को चलाने और धोखाधड़ी करने के लिए कई सॉफ्टवेयर और ऑनलाइन एप और साधन का इस्तेमाल करते थे। बता दें कि इसके पास 81 लैपटॉप, 42 मोबाइल फोन, 106 लैपटॉप चार्जर, 126 माउस, 29 डेस्कटॉप, 100 हेडफोन, 32 की-बोर्ड, 26 सीपीयू, 5 वाईफाई राउटर, एक महिंद्रा थार इत्यादि बरामद की गई है।

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