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Karol Bagh Accident: इमारत गिरने से गई 4 लोगों की जान, हुए कई लोग घायल, निवासियों ने लगाया आरोप 

Karol Bagh Accident: बारिश लोगों के लिए आफत की जड़ बनती जा रही है। मुसलाधार बारिश के कारण कहीं बाढ़ जैसी समस्या तो कहीं अन्य दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एक ऐसी ही ख़बर करोल बाग इलाके से आ रही है जहाँ पर तेज़ बारिश होने के कारण इमारत जमींदोज हो गई। चलिए जानते हैं पूरा मामला।।

जानकारी के लिए बता दें कि जमींदोज हुई इमारत को मानसून से पहले एमसीडी के सर्वे में बिल्कुल सही पाया गया था। जिसके कारण इसे रहने के लिहाज से खतरनाक घोषित करने की जगह पुरानी इमारत बताकर छोड़ दिया गया था। जबकि इमारत गिरने के बाद वहां के स्थानीय निवासियों का कहना है कि साथ ही उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि इस इमारत की हाल पहले से ही बहुत ख़राब थी।

Karol Bagh Accident: MCD के द्वारा किया गया था इमारतों का सर्वे

वहीं दूसरी तरफ एमसीडी प्रतिवर्ष मानसून से पहले पुरानी इमारतों की स्थिति के बारे में सर्वेक्षण करती है। MCD के द्वारा इस वर्ष भी इस पुरानी इमारतों का सर्वे किया गया था। इस दौरान एमसीडी ने इस इमारत को सुरक्षित घोषित किया था। इस तरह यहां रहने व कार्य करने वाले लोगों को यह भरोसा था कि वे सुरक्षित हैं। मगर यह साल इमारत  बारिश की मार बिल्कुल भी नहीं झेल पाई और बीते दिन  यानी की बुधवार को गिर गई। इस तरह एमसीडी के सर्वे के साथ-साथ उसकी कार्यप्रणाली पर सवाल उठना शुरू हो गया है।

Karol Bagh Accident: इमारत खतरनाक घोषित होने पर कराई जाती है खाली

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि एमसीडी के सर्वेक्षण में इमारत खतरनाक या फिर जर्जर हालत मिलने पर उसे खाली या मरम्मत का आदेश दिया जाता है। लेकिन इतना ही नहीं अगर इमारत की हालत ज्यादा ख़राब है तो उसे आसानी से गिराया भी जा सकता है। साथ ही ख़तरनाक इमारतों को खाली करने का आदेश देती है।

Karol Bagh Accident: हर साल सैकड़ों निर्दोष लोगों की जा रही जान

राजधानी दिल्ली में विभिन्न एजेंसियों की लापरवाही के कारण हर साल सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान जा रही है। अवैध फैक्ट्रियों में आग लगने या जर्जर इमारतों के ढहने से यह घटनाएं होती हैं। हाल ही में बापा नगर इलाके में इमारत गिरने की घटना इसका एक ताजा उदाहरण है। इस घटना में राहत और बचाव कार्य करना बेहद कठिन था, क्योंकि यह क्षेत्र अत्यधिक भीड़भाड़ वाला और अव्यवस्थित था।

स्थानीय लोगों ने बताया कि इस इलाके में अवैध रूप से हजारों फैक्ट्रियां संचालित हो रही हैं, और कई इमारतें जर्जर स्थिति में हैं। इन इमारतों की सही तरीके से देखभाल और निरीक्षण नहीं होने के कारण सुरक्षा के मानकों का उल्लंघन हो रहा है। इस तरह की घटनाएं अधिकारियों और एजेंसियों की लापरवाही को उजागर करती हैं, जो अवैध निर्माण और फैक्ट्रियों के संचालन पर कार्रवाई करने में विफल रहती हैं। इससे नागरिकों की जानमाल को गंभीर खतरा पैदा हो रहा है। 

इस समस्या के समाधान के लिए संबंधित एजेंसियों को कड़े कदम उठाने और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके।

Karol Bagh Accident: कैसे हुआ हादसा ?

यह घटना तब हुआ जब बीते दिन यानी की बुधवार की सुबह तकरीबन 9:15 मिनट बज रहे थे। करोल बाग की पतली गलियों का हाल रोज की भाती था। लोगों का अपने काम पर आना-जाना लगा हुआ था। कुछ बच्चे भी गली में खेल रहें थे। इसी बीच गली की एक इमारत भरभराकर गिरी। तेज़ धमाके के कारण बगल के मकान हिल गए और धूल का गुबार आस-पास के घरों में घुस गया । इससे पहले लोग कुछ समझ पाते, चारों ओर चीख-पुकार मच गई। गली में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। बचाओ-बचाओ की चीख पुकार से पूरा इलाका गूंजने लगा।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इमारत के गिरते ही गली में भगदड़ मच गई। चारों ओर लोगों के चीखने-चिल्लाने की आवाजें गूंजने लगीं, और मलबे में दबे लोग मदद की गुहार लगा रहे थे। इस भयावह स्थिति में कुछ लोग पुलिस और फायर विभाग से संपर्क करने की कोशिश कर रहे थे, जबकि कुछ ने तुरंत एंबुलेंस बुला ली।

सरकारी सहायता पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों ने जिम्मेदारी समझते हुए बचाव कार्य शुरू कर दिया। लोगों ने मलबा हटाने के लिए जो भी उपकरण अपने पास थे, जैसे लोहे के डंडे, पाइप, और अन्य साधन, लेकर मौके पर मोर्चा संभाल लिया। मलबे में फंसे लोगों की जिंदगियां बचाने के लिए सभी ने एकजुट होकर प्रयास किए। 

यह घटना दर्शाती है कि संकट के समय स्थानीय लोग किस तरह से तत्काल मदद के लिए एकजुट हो जाते हैं, हालांकि ऐसी स्थितियों में बेहतर आपातकालीन सेवाओं और सरकारी प्रतिक्रिया की आवश्यकता होती है।

मौके पर मौजूद सलीम खान मायूसी के साथ बताते हैं कि कुछ समय पहले ही वह गिरी इमारत के पास से निकले थे। वह आसमान की ओर देखते हुए कहते हैं कि ऊपर वाले का शुक्र है कि वह बच गए। वह कहते हैं कि हादसा इतना भयानक था कि समय ही नहीं मिला कुछ समझने का।

Karol Bagh Accident: स्थानीय लोगों ने बचाव अभियान किया शुरू

स्थानीय लोगों ने बचाव अभियान शुरू किया। जब तक दमकल विभाग और पुलिस नहीं आ गई तब तक वह कई जिंदगियों को बचाने के लिए जुट गए। बिना कोई सुरक्षा उपकरण और जान की परवाह किए बिना लोग मलबा हटाते नजर आए। लोगों में जज्बा ऐसा था कि पुलिस कर्मियों के पहुंचने के बाद भी वह बचाव कार्य में जुटे रहे।

दमकल विभाग को भी वह अंदर जाने नहीं दे रहे थे। मौके पर लोगों का कहना था कि दमकल विभाग लोगों को पूरी तरह से सुरक्षित नहीं निकाल पाएगा। लेकिन, कड़ी मशक्कत के बाद पुलिस और दमकल कर्मियों ने स्थानीय लोगों को हटाया। इसके बाद तेजी से बचाव कार्य शुरू किया गया। दिन भर पूरा इलाका इमारत गिरने की घटना से सहमा रहा।

Karol Bagh Accident: 4 लोगों की मौत, 14 लोग घायल

मध्य दिल्ली के करोल बाग इलाके के बापा नगर में बुधवार सुबह एक चार मंजिला इमारत के गिरने से हुए हादसे में एक किशोर सहित चार लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान अमन (12), मुकीम (25), मुजीब (18), और मोसिन (26) के रूप में हुई है। इस हादसे में 14 लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज लेडी हॉर्डिंग और अन्य अस्पतालों में चल रहा है। 

गिरने वाली इमारत 25 गज की थी, और उसकी हर मंजिल पर महिलाओं के जूते-चप्पल बनाने की फैक्टरी चल रही थी। यह इमारत 30 साल पुरानी थी और जर्जर हालत में थी। इस हादसे ने क्षेत्र में अवैध फैक्ट्रियों और पुरानी इमारतों की खतरनाक स्थिति को उजागर किया है, जो बिना किसी सुरक्षा मानकों के काम कर रही थीं। 

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