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Kedarnath Gold Plating Controversy: केदारनाथ से कहां गायब हुआ 228 किलो सोना, आखिर क्या है पूरा मामला ?

Kedarnath Gold Plating Controversy: चारधाम यात्रा में से एक केदारनाथ धाम पिछले कुछ दिनों से चर्चा में है। केदारनाथ मंदिर से कई किलोग्राम सोना चोरी होने की बात सामने आ रही है। ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने इसे ‘सोना घोटाले’ का नाम दिया है। शंकराचार्य का दावा है कि मंदिर से 228 किलोग्राम सोना गायब हो गया है। अब दिल्ली में केदारनाथ मंदिर बनने जा रहा है। वहां भी घोटाला होगा। केदारनाथ मंदिर से चोरी हुए इस सोने की कोई जांच नहीं हुई। आखिर इसका जिम्मेदार कौन है? शंकराचार्य के इस खुलासे के बाद हर कोई हैरान है।

क्या है मामला ?

बता दें कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराया गया। केदारनाथ के तीर्थ पुरोहित आचार्य संतोष त्रिवेदी ने तब आरोप लगाया कि केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में लगाया गया सोना, पीतल में बदल गया है। इन आरोपों के बाद मंदिर समिति ने पहले ही एक बयान जारी कर साफ किया कि जिस दानदाता ने सोना चढ़ाया उन्हीं ने अपने स्तर से इस पूरे काम को करवाया था।

कहां लगाया गया सोने का बर्क ?

इस पूरे विवाद पर बद्री केदार मंदिर समिति की ओर से पहले ही जानकारी देकर स्थिति स्पष्ट हो चुकी है। इसके बाद केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की जलेरी स्वयं लिंग के चारों तरफ का क्षेत्र पर सोने का बर्क लगाया गया है। इसके उपर एक्रैलिक की पारदर्शी परत भी लगाई गई है, ताकि सोने की पालिश को नुकसान न पहुंचे। दानदाता ने ही कारीगर भेजे बताया गया है कि इस कार्य के लिए दानदाता ने ही कारीगर भेजे थे। बद्री केदार मंदिर समिति की ओर से इसको लेकर जानकारी भी सार्वजनिक की गई। बताया गया कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की दीवारों एवं जलेरी को स्वर्णजड़ित करावाए जाने का काम पिछले वर्ष एक दानी दाता के सहयोग से किया गया है।

दानदाता ने ही भेजे कारीगर-

बताया गया है कि इस कार्य के लिए दानदाता ने ही कारीगर भेजे थे। बद्री केदार मंदिर समिति की ओर से इसको लेकर जानकारी भी सार्वजनिक की गई। बताया गया कि केदारनाथ मंदिर के गर्भ गृह की दीवारों एवं जलेरी को स्वर्णजड़ित करावाए जाने का काम पिछले वर्ष एक दानी दाता के सहयोग से किया गया है।

कितने करोड़ का लगा सोना ?

जानकारी दी गई है कि केदारनाथ गर्भगृह में 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया है, जिसका वर्तमान मूल्य 14.38 करोड़ है। स्वर्ण जड़ित कार्य के लिए प्रयुक्त कॉपर की प्लेटों का कुल वजन 1,001.300 किलोग्राम है, जिसकी कीमत 29 लाख रुपये है।

विशेषज्ञों की देखरेख में हुआ था पूरा काम-

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) के दो विशेषज्ञों की देखरेख में गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने का काम पूरा कराया गया था। आइआइटी रुड़की, केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई) रुड़की और एएसआई की टीम ने मंदिर का निरीक्षण करके गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने की स्वीकृति प्रदान की थी।

कैसे किया गया मंदिर स्‍वर्णमंडित ?

  • गर्भगृह की दीवारों से चांदी की परत उतारने के बाद तांबे की परत चढ़ाई गई।
  • तांबे के इन प्लेट को महाराष्ट्र ले जाया गया, वहां पर सोने की परत चढ़ाई गई।
  • सोने की परत चढ़ी इन प्लेटों को पहले दिल्ली से पहुंचाया गया और फ‍िर गौरीकुंड लाकर खच्चरों की मदद से केदारनाथ धाम पहुंचाया गया।
  • इससे पहले गर्भगृह में चांदी की परत चढ़ी हुई थी। 2017 में एक दानीदाता के सहयोग से गर्भगृह की चारों दीवारों पर चांदी की परतें चढ़ाई गई थीं।

कब-क्‍या हुआ?

  • केदार बाबा के मंदिर के गर्भगृह को स्वर्णमंडित का कार्य 42 दिन में पूरा हुआ।
  • 13 सितंबर 2022 से यह कार्य शुरू हुआ था।
  • पहले चरण में गर्भगृह में लगी चांदी की परतें उखाड़ी गई।
  • इसके बाद स्वर्ण परत चढ़ाने के लिए तांबे की प्लेट तैयार की गई।
  • 23 अक्टूबर से गर्भगृह में सोने की परत चढ़ाने का काम शुरू किया गया।
  • विशेषज्ञों की देखरेख में 35 कारीगरों ने दिन-रात काम करके 15 जून की सुबह इसे संपन्न किया।
  • केदारनाथ मंदिर के 12 फीट गुणा 12 फीट आकार के गर्भगृह की चारों दीवारों के साथ ही जलहरी और छत्र पर सोने की परत चढ़ाई गई है।
  • इसमें अलग-अलग नाप की सोने की कुल 550 परतें चढ़ाई गई हैं।
  • सोने की इन परतों पर गणेश जी और शिव परिवार के सदस्यों के चित्र भी बनाए गए हैं।
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