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RG Kar Case: मृतका के परिजनों ने पुलिस पर क्यों लगाए संगीन आरोप ? जानें पूरा मामला…

RG Kar Case: कोलकाता के अस्पताल में महिला डॉक्टर के दुष्कर्म और हत्या का मामला लगातार दूसरा मोड़ लेते जा रहा है लोगों के बीच का गुस्सा अब आंधी के रूप में बदल गया है। कई आरोप के बाद लगभग इस बीच, ट्रेनी डॉक्टर के माता-पिता ने पुलिस पर भी संगीन आरोप लगाए हैं। मृतका डॉक्टर के परिवार ने दावा किया है कि जब उन्हें शव सौंपा गया था तो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने मामला दबाने के लिए उन्हें रिश्वत देने की कोशिश की थी, जिसे उनके द्वारा अस्वीकार कर दिया गया। 

 RG Kar Case: हमें इन प्रदर्शनों में हिस्सा लेना ही होगा- मृतका के पिता

जानकारी के लिए बता दें कि, यह बयान तब आया जब बुधवार यानी बीते दिन उन्होंने पहली बार अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था। मृतका के पिता ने इस मौके पर कहा कि हमें इन प्रदर्शनों में हिस्सा लेना ही होगा। आखिर हम और कर भी क्या सकते हैं? उनका यह भी कहना है कि जो भी काम किया जा रहा वह बहुत धीरे-धीरे किया जा रहा है। यह सब हम बिल्कुल भी बर्दाश नहीं कर सकते। हमारे पास ऐसे बहुत से सवाल है जो हम सब पुलिस से पूछना चाहेंगे।

RG Kar Case: मामले को क्यों दबाने की कोशिश की गई ?

मृतका के परिवार का यह भी आरोप है कि इस दौरान उन्होंने पुलिस पर कथित तौर पर बिना गहन जांच के मामले को बंद करने का प्रयास करने की कोशिश की है। मृतका डॉक्टर के पिता ने आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने शुरू से ही मामले को दबाने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि घटना की रात उनकी बेटी का शव श्मशान ले जाने के लिए मजबूर किया गया।

बिना किसी जांच के ही कह दिया गया कि उनकी बेटी ने आत्महत्या की है। फिर जब हम 12:10 बजे अस्पताल पहुंचे, तो बेटी के चेहरे को देखने के लिए तीन घंटे तक सेमिनार हॉल के बाहर बैठाया गया। हमें शव देखने की अनुमति नहीं दी गई। इतना ही नहीं, शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने तक हमें पुलिस स्टेशन में इंतजार करना पड़ा। 

RG Kar Case: पुलिस अधिकारी ने हमें रुपये देने की कोशिश की

पिता ने बताया कि अस्पताल प्रशासन की ओर से उस दिन किसी ने भी उनके साथ बात नहीं की। उस रात उनकी बेटी का शव कैसे ले जाया गया, उसकी भी उन्होंने जानकारी दी। उन्होंने कहा कि हम अंतिम संस्कार करना नहीं चाहते थे, शव को यथासंभव छोड़ देना चाहते थे, लेकिन हमारे ऊपर दबाव डाला गया। हम एक घंटे तक थाने में बैठे रहे। मजबूरी में घर लौट गए।

घर जाकर देखा कि वहां 400 पुलिस वाले खड़े थे। तब हमारे पास कुछ करने का विकल्प नहीं था, हमें शव को जलाना पड़ा। लेकिन उस दिन श्मशान का खर्च किसने उठाया, यह हम आज तक नहीं जान पाए हैं। आगे उन्होंने कहा कि बाद में जब शव हमें सौंपा गया तो एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने हमें रुपये देने की कोशिश भी की। 

RG Kar Case: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विपक्षी दल भाजपा हुए आमने-सामने

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि,8-9 अगस्त की दरम्यानी रात को हुए मामले के बाद से आरजी कर मामला लगातार चर्चा में बना हुआ है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर की दुष्कर्म के बाद हत्या का मामला राष्ट्रीय मुद्दा बन चुका है। जिसके कारण सभी डॉक्टर हड़ताल कर रहें हैं क्योंकि उनके अन्दर का गुस्सा अभी भी शांत नहीं हुआ है।

बता दें कि अभी भी कोलकाता के अलावा देश के कई हिस्सों में जनाक्रोश और विरोध-प्रदर्शन देखा गया। कोलकाता हाईकोर्ट के निर्देश के बाद सीबीआई घटना की जांच कर रही है। इस मामले में जमकर सियासत भी हो रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और विपक्षी दल भाजपा आमने-सामने है।

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