हल्द्वानी। उत्तराखंड में बारिश अपना कहर लगातार बरपा रही है। ज्यादातर जिलों में पिछले चार दिनों से इस कदर बारिश हो रही है कि पहाड़ो में दरार आने लगी हैं जिसका मलबा सड़कों पर आने से लोगों के लिए यह जानलेवा साबित हो रहा है। इस बीच मौसम विभाग की तरफ से बड़ा अपडेट भी आ रहा है कि उत्तराखंड में अब मूसलाधार बारिश होने वाली है। मौसम विभाग ने नैनीताल, बागेश्वर, देहरादून, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, अल्मोड़ा और चंपावत जिले में कहीं-कहीं तेज गर्जन के साथ भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया है। इस भयावह माहौल से निपटने के लिए प्रशासन भी अलर्ट मोड पर है। मौसम के खराब हालात के मद्देनजर चारधाम यात्रा पर भी फिलहाल के लिए रोक लगा दी गई है।
कैसे रहने वाले है लोगों के लिए ये 24 घंटे ?
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, पिछले 24 घंटे में नैनीताल जिले में औसतन 85.3 एमएम बारिश रिकार्ड की गई है, जिसमें सबसे ज्यादा बारिश 206 एमएम हल्द्वानी में रिकॉर्ड की गई, तो वहीं सबसे कम 21 एमएम रामनगर में रिकॉर्ड की गई। नैनीताल में 79 एमएम, धारी में 100 एमएम, बेतालघाट में 25 एमएम, कालाढूंगी में 109 एमएम, मुक्तेश्वर में 65.9 एमएम व कोश्याकुटौली में 57 एमएम रिकॉर्ड की गई। हल्द्वानी शहर में पिछले 48 घंटे से लगातार बारिश हो रही है। भारी बारिश से जिले में चार राज्य मार्ग, तीन प्रमुख जिला सड़कें, 30 ग्रामीण मार्ग व एक अन्य जिला सड़क बंद है। इन्हें खोलने का प्रयास अनवरत जारी
नदियों ने लांघी अपनी सीमा, बरपाया कहर
मूसलाधार बारिश के चलते नदियों का जलस्तर अपने पुरे उफान पर है। बता दें कि हल्द्वानी में गौला नदी, पिथौरागढ़ में काली, गोरी और रामगंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर पहुंच चुकी है। गौला नदी का जलस्तर 28980 क्यूसेक, कोसी का 8747 क्यूसेक पहुंच चुका है। बारिश को लेकर नैनीताल जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।
नैनीताल की जिलाधिकारी वंदना सिंह सभी अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क बनाए हुए हैं। उन्होंने जनता से अपील की है कि लोग रपटे, नालों और बंद सड़कों पर न निकलें क्योंकि इन जगहों पर जान का खतरा बना हुआ है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन हर तरफ नजर बनाए हुए है और सभी बंद पड़े मार्गों पर जेसीबी मशीन से मलबा हटाने का काम जारी है।