Kargil Vijay Diwas 2024: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्धांजलि दी। कारगिल विजय की 25वीं वर्षगांठ पर गांधी पार्क में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने शिरकत की। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी को शौर्य दिवस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारतीय सेना ने विपरीत परिस्थितियों में धैर्य, अभूतपूर्व साहस का परिचय देते हुए दुश्मन को खदेड़ दिया। उत्तराखंड के वीरों के बिना कारगिल की वीर गाथा अधूरी है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा की एक वक्त था जब हम युद्ध भूमि में जीतते थे पर टेबल पर हार जाते थे। पर तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कुशल नेतृत्व का नतीजा था कि कारगिल युद्ध में हम रण में भी जीते और टेबल पर भी। आज प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से सेना सशक्त हुई है। उसका यश और कीर्ति भी दुनिया में बढ़ी है।
आज पूरा विश्व भारत की ओर देख रहा है। एक वक्त था जब भारत वैश्विक मंचों पर अपनी पैरवी भी नहीं कर पाता था। पर आज देश मजबूत हुआ है। भारत कुछ कहता है तो दुनिया ध्यान से सुनती है। आज सेना गोली का जवाब गोले से देती है। सेना को आदेश का इंतजार नहीं करना पड़ता। वह दुश्मन को घर में घुसकर मरती है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सेना के आधुनिकरण के साथ ही सैनिकों की सुविधाओं को भी बढ़ाने का काम किया गई। राज्य सरकार भी सैनिकों के कल्याण के लिए संकल्पित है।अग्नीवीरों को विभिन्न सेवाओं में समायोजित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने की क्या घोषणा ?
- राज्य में शहीद सैनिकों को मिलने वाली अनुग्रह अनुदान राशि 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 50 लाख रूपये की जायेगी।
- शहीद सैनिक के परिवारजनों को सरकारी नौकरी के लिए आवेदन करने की अवधि को 02 साल से बढ़ाकर 05 साल किया जायेगा।
- शहीदों के आश्रितों को अब जिलाधिकारी कार्यालयों में समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के अलावा अन्य विभागों में भी समूह ‘ग’ और समूह ‘घ’ के पदों पर भी नियुक्ति प्रदान की जायेगी।
- सैनिक कल्याण विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को उपनल कर्मियों की भांति अवकाश प्रदान किये जायेंगे।
ये लोग रहे मौजूद-
कार्यक्रम में सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी, निवर्तमान महापौर सुनील उनियाल गामा, कैंट विधायक सविता कपूर, डोईवाला विधायक बृजभूषण गैरोला आदि ने भी बलिदानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
सचिव सैनिक कल्याण दीपेंद्र चौधरी ने सभी अतिथियों का स्वागत किया। कहा कि कारगिल युद्ध भारतीय सेना के अदम्य साहस और अटूट संकल्प का प्रतीक है। भारतीय सेना ने विपरीत परिस्थितियों में इस युद्ध को लड़ा और दुश्मनों के हौसले पस्त कर दिए।