Paris Olympics 2024: ओलंपिक के खेल में एक बार फिर भारत के खाते में एक और मेडल दर्ज हो चूका है क्योंकि, भारत के एक और शूटर ने तिरंगा लहरा दिया है।50 मीटर राइफल थ्री पोजिशंस में शूटर स्वप्निल कुसाले ने कांस्य पदक जीता है। स्वप्निल कुसाले की ये जीत ऐतिहासिक रहने वाली है क्योंकि इस इवेंट में ओलंपिक पदक जीतने वाले वो पहले भारतीय हैं।
स्वप्निल ने गजब का किया कमबैक-
स्वप्निल का पदक आश्चर्यजनक था, क्योंकि किसी ने इस खिलाड़ी से पदक की उम्मीद नहीं लगाई थी लेकिन उन्होंने सबको चौंकाते हुए कांस्य पदक अपने नाम कर लिया है, चलिए आपको बताते है कि इस खेल का क्या तरीका है-राइफल थ्री पोजिशन में निशानेबाज तीन पोजिशन में निशाना लगाता है। इनमें नीलिंग यानी घुटने के बल बैठकर, प्रोन यानी पेट के बल लेटकर और स्टैंडिंग यानी खड़े खड़े शॉट लगाया जाता है। स्वप्निल नीलिंग और प्रोन तक पीछे चल रहे थे। हालांकि, स्टैंडिंग पोजिशन में स्वप्निल ने गजब का कमबैक किया और पदक अपने नाम किया।
कितने अंकों के साथ मेडल किया अपने नाम-
स्वपनिल कोल्हापुर 29 साल के कोल्हापुर के इस निशानेबाज का ये पहला ओलंपिक है। पहले ही ओलंपिक में इस खिलाड़ी ने मेडल अपने नाम कर लिया। ये खिलाड़ी 12 सालों से ओलंपिक में क्वालिफाई करने की कोशिश कर रहा था और जब पेरिस में उन्हें मौका मिला तो उन्होंने इतिहास ही रच दिया। स्वपिनल कुसाले ने 451.4 अंकों के साथ ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है। वहीं स्वपनिल कुसाले भारत के लिए ओलंपिक मेडल जीतने वाले महज 7वें शूटर रहें है। अभी तक पेरिस ओलंपिक में भारत ने 3 कांस्य पदक जीता है।
ओलंपिक मेडल जीतने वाले शूटर्स के नाम –
- भारत को शूटिंग में सबसे पहला मेडल राज्यवर्धन सिंह राठौर ने एथेंस ओलंपिक 2004 में जिताया था. उन्होंने सिल्वर मेडल अपने नाम किया था।
- 2008 बीजिंग ओलंपिक में अभिनव बिंद्रा ने गोल्ड जिताया।
- लंदन ओलंपिक 2012 में विजय कुमार ने सिल्वर और गगन नारंग ने ब्रॉन्ज मेडल जीता।
- पेरिस ओलंपिक में मनु , सरबजोत सिंह ने मनु भाकर के साथ ब्रॉन्ज मेडल जीता। अब स्वप्निल का नाम भी इस लिस्ट में जुड़ गया है।
धोनी को मानते है आदर्श –
स्वप्निल भारत के पूर्व कप्तान एमएस धोनी को अपना आदर्श मानते हैं। उन्होंने खुद बताया कि वह शूटिंग में किसी विशेष एथलीट को फॉलो नहीं करते। शूटिंग से बाहरी दुनिया में वह धोनी को आदर्श मानते हैं। जैसे धोनी क्रिकेट के मैदान पर शांत रहते हैं, वैसे ही मैं भी इस खेल में शांत और धैर्यपूर्ण स्वभाव से खेलता हूँ । उन्होंने यह भी कहा था कि मैं खुद कि कहानी धोनी से जोड़ पाता हूं, क्योंकि मैं भी उनकी तरह टिकट कलेक्टर के रूप में काम करता हूं।