चमोलीः विश्व प्रसिद्व फूलों की घाटी (Flower Vally) एक जून से पर्यटकों के लिए खुल जाएगी. इसके तहत पार्क प्रशासन द्वारा जल्द ही घाटी को जोड़ने वाले मार्ग को भी दुरुस्त करने का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. इन दिनों फूलों की घाटी (Flower Vally) क्षेत्र से भम्रण कर लौटे 11 सदस्यीय दल ने बताया कि वामणधोड़ एवं द्वारीपूल के पास बड़ी तादाद में हिमखंड टूटने से फूलों की घाटी तक जाने वाला रास्ता बंद है. जिसके बाद टीम भी आधे रास्ते से ही वापस लौट आई है.
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नंदा देवी राष्ट्रीय उद्यान के उप वन संरक्षक प्रेम बल्लभ शर्मा ने बताया कि पार्क प्रशासन की टीम को फूलों की घाटी (Flower Vally) क्षेत्र में जंगली जानवरों का शिकार करने वाले शिकारियों की तलाश में रैकी के लिए समय-समय पर भेजा जाता है. रैकी कर वापस लौटी टीम के सदस्यों ने बताया कि इस साल फूलों की घाटी (Flower Vally) जाने वाला मार्ग कई स्थानों पर बर्फ के कारण क्षतिग्रस्त है. बजट आने के बाद ही मार्ग ठीक किया जाएगा. 1 जून से पहले ही फूलों की घाटी तक मार्ग दुरुस्त कर दिया जाएगा.
ये फूल हैं घाटी की शान
नवम्बर से मई माह के मध्य घाटी अधिकतर हिमाच्छादित रहती है. जुलाई एवं अगस्त माह के दौरान एल्पाइन जड़ी की छाल की पंखुडियों में रंग छिपे रहते हैं. यहां सामान्यतः पाये जाने वाले फूलों के पौधों में एनीमोन, जर्मेनियम, मार्श, गेंदा, प्रिभुला, पोटेन्टिला, जिउम, तारक, लिलियम, हिमालयी नीला पोस्त, बछनाग, डेलफिनियम, रानुनकुलस, कोरिडालिस, इन्डुला, सौसुरिया, कम्पानुला, पेडिक्युलरिस, मोरिना, इम्पेटिनस, बिस्टोरटा, लिगुलारिया, अनाफलिस, सैक्सिफागा, लोबिलिया, थर्मोपसिस, ट्रौलियस, एक्युलेगिया, कोडोनोपसिस, डैक्टाइलोरहिज्म, साइप्रिपेडियम, स्ट्राबेरी एवं रोडोडियोड्रान इत्यादि प्रमुख हैं.