देहरादून जिले की विधानसभा सीट चकराता विधानसभा सीट पर इस बार सबकी नजरें टिकी हुई है। चकराता ब्रिटिशकालीन शहर होने के साथी ही मशहूर पर्यटन स्थल भी है। चकराता अपने प्राकृतिक सौंदर्य के साथ ही नृत्य कला, अपने पर्व और अनूठी संस्कृति के यह ही देश-दुनिया में अलग पहचान रखता है। चकराता विधानसभा सीट को 2022 के चुनाव में हॉट सीट माना जा रहा है क्योंकि नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह इस सीट से विधायक है और वहीं दूसरी तरफ 2022 चुनाव को लेकर भाजपा ने प्रत्याशी रामशरण नौटियाल को इस सीट से खड़ा किया है।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
चकराता विधानसभा सीट पर उत्तराखंड राज्य गठन के बाद कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है. 2002 के विधानसभा चुनाव में इस सीट से कांग्रेस के प्रीतम सिंह विधायक बने। 2002 से लेकर अब तक लगातार प्रीतम सिंह ही विधायक हैं. प्रीतम सिंह ने 2007, 2012 और 2017 के विधानसभा चुनाव में भी अपने प्रतिद्वंदी उम्मीदवारों को चुनावी रणभूमि में पटखनी दी। कांग्रेस का ये मजबूत किला भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) कभी भेद नहीं पाई है। इस बार रामशरण नौटियाल प्रीतम सिंह को कड़ी टक्कर देने जा रहे हैं।
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2017 का जनादेश
चकराता विधानसभा सीट से 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से प्रीतम सिंह उम्मीदवार थे. कांग्रेस के प्रीतम सिंह के सामने बीजेपी ने मधु को उम्मीदवार बनाया. प्रीतम सिंह ने अपनी निकटतम प्रतिद्वंदी बीजेपी की मधु को 1543 वोट के अंतर से हरा दिया था. प्रीतम सिंह 2017 की चुनावी बाजी जीतकर चौथी बार विधानसभा के लिए निर्वाचित हुए।
चकराता से लड़ेंगे रामशरण नौटियाल चुनाव
भाजपा ने चकराता विधानसभा सीट से जुबीन नौटियाल के पिता रामशरण नौटियाल को चुनावी मैदान में उतारा है। माना जा रहा है कि वह जीत दर्ज कर सदन में प्रवेश कर सकते हैं।
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हालांकि, रामशरण नौटियाल का चुनावी सफर आसान नहीं होगा। उनका सीधा मुकाबला, कांग्रेस के प्रीतम सिंह के साथ होगा। चकराता विधानसभा में लोकप्रिय नेता होने के साथ ही प्रीतम सिंह नेता प्रतिपक्ष भी हैं। उनकी गिनती सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने वाली नेताओं में होती है।
रामशरण नौटियाल व मुन्ना सिंह चौहान के बीच राजनैतिक दूरियां
रामशरण नौटियाल व मुन्ना सिंह चौहान के बीच हमेशा से ही राजनीतिक दूरियां रही हैं। उधर पिछले पांच साल से अपना टिकट फाइनल मानकर चल रहीं मुन्ना सिंह चौहान की पत्नी व जिला पंचायत की अध्यक्ष मधु चौहान ने क्षेत्र में विकास कार्यों से लेकर संगठन को व्यापक स्तर पर मजबूत करने में पूरी लगन व मेहनत से काम किया।
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उधर एक परिवार से एक ही टिकट की बाध्यता के कारण मधु चौहान को चकराता विधानसभा के टिकट से महरूम होना पड़ा। हालांकि उन्होंने पार्टी के निर्णय पर किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन कुछ दिन पहले उनके माध्यम से फेसबुक में डाली गई पोस्ट, कार्यकर्ताओं के आंसुओं का हिसाब लिया जाएगा, से उनके अगले कदम को लेकर क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया था। उधर मंगलवार को भाजपा प्रत्याशी रामशरण नौटियाल के माध्यम से कराए गए नामांकन के समय मधु चौहान व उनके गुट के माने जाने वाले ब्लाक प्रमुख, ज्येष्ठ प्रमुख, कनिष्ठ प्रमुख व भाजपा संगठन के कई पदाधिकारी नदारद रहे। जबकि दूर से ही सही लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत ने नामांकन के समय पहुंचकर प्रत्याशी के प्रति अपनी औपचारिकताएं निभाईं।
हालांकि भाजपा प्रत्याशी रामशरण नौटियाल ने उनके न आने पर कोविड गाइडलाइन का हवाला देते हुए कहा कि नामांकन प्रक्रिया में अधिक लोग नहीं लाने की बाध्यता के कारण ऐसा हुआ है। उन्होंने कहा कि मधु चौहान व उनके सभी समर्थकों का पूरा सहयोग व साथ उन्हें मिल रहा है।
रिपोर्ट- शुभम सिंह