भाजपा ने अल्पसंख्यक वोटों को पाले में लाने के लिए पसमांदा अभियान के बाद अब सूफी संवाद की पहल की है। देश भर के दरगाहों से जुड़े सूफियों को इस मुहिम से जोड़ा जा रहा है। भाजपा की कोशिश सूफीवाद के जरिए कथित नरम मिजाज मुस्लिमों को साथ लाने की है। सूफी नेताओं को केंद्र सरकार की नीतियों और योजनाओं की जानकारी देकर उन्हें मोदी का दूत बनकर समाज में जागरूकता फैलाने की अपील की जा रही है। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने इस अभियान को लेकर नया नारा भी गढ़ा है- ‘ना दूरी है, न खाई है, मोदी हमारा भाई है।’
22 राज्यों में सूफी संवाद के लिए बनाई गई समितियां
भाजपा के अल्पसंख्यक मोर्चा की तरफ से आयोजित इस ‘आउटरीच प्रोग्राम’ को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पसमांदा अभियान का विस्तार माना जा रहा है। भाजपा ने सूफियों के जरिए मुस्लिमों और भाजपा के बीच फैली दूरी को दूर करने की कोशिश की है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश सहित 22 राज्यों में अल्पसंख्यक मोर्चा ने सूफी संवाद के लिए समितियां बनाईं हैं।