काबुल : सरकारी नौकरियों और समाज में एक समान भागीदारी की मांग करते हुए महिलाओं ने बुधवार को अफगानिस्तान की राजधानी में प्रदर्शन किया. टोलो न्यूज के अनुसार, प्रदर्शन में इंडिपेंडेंट एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म और सिविल सर्विसेज में काम करने वाली वे महिलाएं शामिल हुईं, जिनकी अगस्त में तालिबान शासन आने के बाद नौकरी चली गई थी.प्रदर्शन में शामिल फ़िरोज़ान अमीरी ने कहा कि तालिबान राज में इंडिपेंडेंट एडमिनिस्ट्रेटिव रिफॉर्म और सिविल सेवा आयोग में काम करने वाली महिलाओं को नौकरी से निकाल दिया गया.
इसके अलावा अन्य नौकरियों से भी महिलाओं की छुट्टी कर दी गई. इससे सरकारी विभागों में 28 प्रतिशत लोगों की कमी हो गई है. इससे इस्लामिक गणराज्य अफगानिस्तान का नुकसान हो रहा है.प्रदर्शनकारी महिलाओं ने एक प्रस्ताव भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने काम करने की अनुमति देने और महिलाओं के अधिकार के लिए पॉलिसी बनाने की मांग की है.
यह भी पढ़े –Big breaking:-रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बाद अब बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा हुए कोरोना पॉजिटिव
साथ ही महिलाओं के मामलों के बारे में फैसले लेने वाले सरकारी विभाग में भी प्रतिनिधित्व देने की मांग की गई है. इस बीच तालिबान के अधिकारियों ने साफ किया है कि फिलहाल सरकारी नौकरी से महिलाओं को बाहर करने का कोई फैसला नहीं किया गया है. तालिबान सरकार के डिप्टी बिलाल करीमी ने कहा, सरकारी विभागों में महिलाओं की कामकाजी गतिविधि के मुद्दे पर चर्चा चल रही है. अभी यह आंकलन चल रहा है कि किस विभाग में महिलाओं की जरूरत है. उसी के हिसाब से महिलाओं को विभागों में स्वीकृत पदों पर रखा जाएगा. बता दें कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय तालिबान पर मानवाधिकार, महिला अधिकार और एक समावेशी सरकार के गठन के लिए दबाव बना रहा है.बता दें कि पिछले साल सितंबर में भी महिलाओं ने प्रदर्शन किया था.
महिलाओं का कहना था कि उन्हें अफगान की राजनीति, शासन और अर्थव्यवस्था से जुड़े फैसलों में उनको अपनी भी हिस्सेदारी चाहिए. तालिबान ने महिलाओं को प्रेसिडेंशियल हाउस जाने से रोका था.