कहते हैं कोई सा भी काम छोटा या बड़ा नहीं होता, कभी कभी छोटा स्तर से शुरू किया गया काम भी आगे जाकर बड़ा व्यापार बन जाता है, ठीक वैसे ही जैसे हल्दीराम बन गया। भले ही आज हल्दीराम (Haldiram) एक बड़ा ब्रांड बन चुका है लेकिन कभी यह बीकानेर की छोटी सी दुकान हुआ करती थी एक छोटा सा दुकानदार मेहनत से अपना काम करता गया और बना दिया हल्दीराम (Haldiram) को एक बड़ा ब्रांड
आज से लगभग 79 साल पहले 1937 में हल्दीराम (Haldiram) की निंदा बीकानेर में रखी गई थी। गंगाविषण अग्रवाल ने बीकानेर में छोटी सी नाश्ते की दुकान शुरू की इस दुकान के जरिए वे कारोबार में आना चाहते थे। हालांकि, दुकान में बिकने वाले स्नैक्स टेस्टी थे और धीरे-धीरे दुकान लोगों के बीच भुजिया वाले के नाम से लोकप्रिय हो गई। गंगाविषण अग्रवाल को लोग हल्दीराम के नाम से भी जानते थे, इसलिए दुकान को अब हल्दीराम के नाम से जाना जाने लगा।
हल्दीराम (Haldiram) को लेकर सोशल मीडिया पर खूब बवाल मचा हुआ है यह सब तब हुआ जब एक टीवी चैनल ने सवाल उठाया कि आखिर “फलाहार मिक्सचर” के पैकेट पर लिखा डिस्क्रिप्शन उर्दू भाषा में क्यों है
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ट्विटर पर लोगों ने अपनी तमाम प्रतिक्रियाएं देने लगे
Well done to the young girl at #Haldirams – she handled the dumb hate monger (reporter) really well. https://t.co/CI5E6gtWjp
— Shantanu singh (@shantanu940516) April 6, 2022
हालांकि, सचिया ये था कि वह डिस्क्रिप्शन उर्दू में नहीं बल्कि अरबी में लिखा था मगर ज्यादातर लोगों के जेहन में सवाल यह है कि आखिर अब हिंदू और अंग्रेजी भाषा में डिस्क्रिप्शन लिखा है फिर तीसरी भाषा में इसे क्यों लिखा जा रहा है वह भी अरबी में।
तो आइए आपको बताते हैं कि आखिर कुछ भारतीय ब्रांड्स अपने उत्पादों पर अरबी भाषा का इस्तेमाल क्यों करते हैं?
हल्दीराम (Haldiram) एक फेमस इंडियन ब्रांड है, मगर वो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मौजूद है। खाड़ी देशों में इसका बड़ा मार्केट है, खाड़ी देश यानी अरब मुल्क इनमें बहरीन, इराक, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात आते हैं। टॉकीज इन हिंदी अंग्रेजी ना आती हो वह भी उत्पाद के बारे में पढ़ सके ऐसा ही दूसरे भारतीय ब्रांड भी करते हैं।