Health News : ( How to overcome increasing stress ) विश्व स्वास्थ्य संगठन की ताजा रिपोर्ट में भारत को विश्व की ‘सुसाइड कैपिटल’ बताया गया है। हर 40 सेकंड में दुनिया में कहीं न कहीं कोई व्यक्ति आत्महत्या कर रहा है। मानसिक बीमारी, अवसाद, शराब का सेवन, दुव्र्यवहार, हिंसा, सांस्कृतिक और सामाजिक पृष्ठभूमि आत्महत्या के खतरे को बढ़ा रहे हैं। ऐसी निराशाजनक स्थिति में सेहत के मोर्चे पर ऐसा क्या किया जाए कि आत्महत्या की प्रवृत्ति पर अंकुश लगाया जा सके। इसके लिए अमरीकी एक्वा हैल्थ ने एक फॉर्मूला बताया है जिसमें कुछ पोषक खनिज तत्वों को आधार बनाकर तन के जरिए मन की शक्ति को जगाने का प्रयास किया है।
नमक : अक्सर लोग खुद ही नमक की मात्रा कम लेने लगते हैं। ऐसा करना गलत है। इससे व्यक्ति को डिहाइड्रेशन होकर निम्न रक्तचाप की समस्या हो सकती है। इसलिए डॉक्टरी सलाह से ही नमक की मात्रा कम या ज्यादा लें।
Calcium कैल्शियम
इस महत्वपूर्ण खनिज की कमी हमें बेहद कमजोर बना सकती है। कैल्शियम की कमी से होने वाला डिप्रेशन खासतौर पर महिलाओं में पीएमएस (मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं) और बुजुर्गों में असहाय शरीर होने पर जीवन के प्रति निराशा की सोच को बढ़ा सकता है।
इस महत्वपूर्ण खनिज की कमी हमें बेहद कमजोर बना सकती है। कैल्शियम की कमी से होने वाला डिप्रेशन खासतौर पर महिलाओं में पीएमएस (मासिक धर्म से जुड़ी समस्याएं) और बुजुर्गों में असहाय शरीर होने पर जीवन के प्रति निराशा की सोच को बढ़ा सकता है।
स्रोत : दूध, दही व इनसे बनी चीजें, अनाज, हरी पत्तेदार सब्जियां, मेवे आदि।
Iron आयरन
कैल्शियम यदि शरीर का ढांचा बनाता है तो आयरन रूपी लौह तत्व उसमें प्राण भरता है। लाल रक्त कोशिकाओं के जरिए ऑक्सीजन का प्रवाह करने और मस्तिष्क व मांसपेशियों को ताकत देने का काम आयरन ही करता है। आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया से लाखों महिलाएं और बच्चे किसी न किसी रूप से प्रभावित होते हैं। इसकी कमी से थकान, निराशा और चिड़चिड़ापन होना सामान्य लक्षण है।
कैल्शियम यदि शरीर का ढांचा बनाता है तो आयरन रूपी लौह तत्व उसमें प्राण भरता है। लाल रक्त कोशिकाओं के जरिए ऑक्सीजन का प्रवाह करने और मस्तिष्क व मांसपेशियों को ताकत देने का काम आयरन ही करता है। आयरन की कमी से होने वाले एनीमिया से लाखों महिलाएं और बच्चे किसी न किसी रूप से प्रभावित होते हैं। इसकी कमी से थकान, निराशा और चिड़चिड़ापन होना सामान्य लक्षण है।
स्रोत : अनाज, गिरी वाले फल, टमाटर, चुकंदर, हरी पत्तेदार सब्जियां व फल।
Vitamin B6 विटामिन बी 6
यह सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर यानी मौसम में बदलाव के कारण होने वाले तनाव को कम करने में मददगार है। इसकी कमी से एनीमिया, उलझन और अवसाद दूर होता है।
यह सीजनल अफेक्टिव डिसऑर्डर यानी मौसम में बदलाव के कारण होने वाले तनाव को कम करने में मददगार है। इसकी कमी से एनीमिया, उलझन और अवसाद दूर होता है।
स्रोत : दूध-दही, सोयाबीन, टमाटर, आलू, केला, हरी सब्जियां, सूखे मेवे और दालों आदि में।
Magnesium मैगनीशियम
यह शरीर में करीब 300 तरह के महत्वपूर्ण कार्य करता है। अच्छे मूड व खुशी को बढ़ाने वाले सेरेटोनिन नामक रसायन को पैदा करने व मानसिक स्थिति को सक्षम बनाए रखने में इसकी बड़ी भूमिका है।
स्रोत : दूध, बादाम, पालक, राजमा, खजूर, गाजर, नींबू, केला, पपीता।
यह शरीर में करीब 300 तरह के महत्वपूर्ण कार्य करता है। अच्छे मूड व खुशी को बढ़ाने वाले सेरेटोनिन नामक रसायन को पैदा करने व मानसिक स्थिति को सक्षम बनाए रखने में इसकी बड़ी भूमिका है।
स्रोत : दूध, बादाम, पालक, राजमा, खजूर, गाजर, नींबू, केला, पपीता।
Omega-3 Fatty Acid ओमेगा-3-फैटी एसिड
थकान, स्वभाव में बदलाव, याददाश्त में कमी और डिप्रेशन ओमेगा-3-फैटी एसिड की कमी से होता है। इसकी सही मात्रा मस्तिष्क के बुरे विचारों को नियंत्रित करने में मदद करती है।
थकान, स्वभाव में बदलाव, याददाश्त में कमी और डिप्रेशन ओमेगा-3-फैटी एसिड की कमी से होता है। इसकी सही मात्रा मस्तिष्क के बुरे विचारों को नियंत्रित करने में मदद करती है।