नैनीताल: काठगोदाम से नैनीताल तक रोप-वे का सफर शुरू होने जा रहा है. रोप-वे निर्माण को लेकर आईआईटी रुड़की और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने संयुक्त रूप से भूगर्भीय सर्वे पूरा कर रिपोर्ट पर्यटन विभाग को सौंप दी है, जिसमें बताया गया है कि नैनीताल की पहाड़ियां रोप-वे निर्माण के लिए सुरक्षित है.
सरोवर नगरी नैनीताल में पर्यटकों को बेहतर सुविधा देने और जाम से निजात दिलाने के उद्देश्य से जल्द ही काठगोदाम से नैनीताल तक 11 किलोमीटर लंबा रोप- वे बनने जा रहा है. जिसको लेकर पर्यटन विभाग ने अपनी सभी प्रारंभिक तैयारियां कर ली हैं. बकायदा पर्यटन विभाग ने पूर्व में रोप-वे निर्माण के लिए टेंडर भी जारी कर दिया है.
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हालांकि, मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन होने के चलते अब तक रोप-वे का निर्माण अधर में था. नैनीताल निवासी अजय रावत ने रोप-वे निर्माण की चिन्हित जगह को असुरक्षित बताया था. जिसके बाद हाई कोर्ट ने रोप-वे निर्माण पर अंतरिम रोक लगाते हुए आईआईटी रुड़की, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया समेत कई जांच एजेंसियों को जांच कर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने को कहा था.
वहीं, अब सभी जांच एजेंसियों द्वारा इस प्रोजेक्ट पर अध्ययन कर काठगोदाम से नैनीताल तक बनने वाले रोप-वे व उनके स्टैंड निर्माण कार्य का सर्वे पूरा कर लिया है. आईआईटी रुड़की, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया समेत अन्य की रिपोर्ट के आधार पर काठगोदाम से नैनीताल तक रोप-वे को बनाया जा सकता है.
देश की जानी मानी निर्माण जांच एजेंसियां आईआईटी रुड़की, जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया समेत अन्य ऐजेंसियों ने नैनीताल में बनने वाले इस महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट की जांच पूरी कर ली है. अब जल्द ही अगली सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश किया जाएगा, जिसके बाद काठगोदाम से नैनीताल तक रोप-वे निर्माण का कार्य शुरू हो जाएगा.