दिल्ली हाईकोर्ट ने दो परिवारों के आपसी झगड़े के दौरान दर्ज एफआईआर को निरस्त करते हुए इस मामले के सभी आरोपियों को 45 दिनों तक यमुना की सफाई करने का आदेश दिया है. जस्टिस जसमीत सिंह ने दोनों परिवारों के आरोपियों को निर्देश दिया कि वे दिल्ली जब बोर्ड की टीम के साथ यमुना नदी की सफाई करें.
फरवरी महीने में जैतपुर इलाके में दो परिवारों के बच्चों के बीच हुई लड़ाई में बड़े आ गए और वाद-विवाद बढ़ गया. दोनों पक्षों के बीच काफी कहासुनी और मारपीट हुई थी. उसके बाद दोनों परिवारों ने एक-दूसरे के खिलाफ अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई. मेडिको लीगल केस में दोनों पक्षों को लगी चोटें हल्की साबित हुईं. ऐसे में दोनों परिवारों के बीच अप्रैल महीने में समझौता हो गया. जिसके बाद दोनों पक्षों ने हाईकोर्ट में एफआईआर को निरस्त करने के लिए अलग-अलग याचिकाएं दायर की.
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कोर्ट ने कहा कि दोनों पक्षों के आरोपी यमुना की 45 दिनों तक दिल्ली जल बोर्ड की टीम के साथ सफाई करेंगे और 45 दिन के बाद दिल्ली जल बोर्ड की टीम उन्हें इस बात का प्रमाण पत्र देगी कि उन्होंने सफाई कार्य में हिस्सा लिया. कोर्ट ने दोनों पक्षों को निर्देश दिया कि वे सफाई कार्य में हिस्सा लेने का प्रमाण पत्र मिलने के एक हफ्ते के अंदर कोर्ट को सूचित करेंगे. सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों ने कोर्ट से कहा कि उनके बीच ऐसी कोई घटना नहीं होगी और उन्हें अपने किए का पश्चाताप है.