घर खरीदना अधिकतर लोगों के लिए एक सपने जैसा होता है जो लोन लेकर घर खरीदते हैं और किस्तों के भुगतान समय से करते हैं, तो अच्छा लगता है। मगर जैसे ही बुरे दौर में किस्तों का भुगतान रुक जाता है और बकाया राशि बढ़ती जाती है तो घर खरीदना भी बुरे सपने जैसा होता है इससे लोन लेने वाले की परेशानी बढ़ जाती है।
मार्केट में होम लोन अब उपलब्ध सबसे किफायती लोन में से एक है हमें किसी बैंक और वित्तीय संस्था से होम लोन आसानी से मिल जाता है मगर लोन लेने से पहले यह जानना भी जरूरी है कि अगर समय पर किस्तों का भुगतान नहीं किया गया तो किस तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
अगर आपने लगातार तीन महीनों तक होम लोन की किस्तों का भुगतान नहीं किया तो बैंक और वित्तीय संस्था बकाया राशि को अस्थायी चूक मानते हैं। फिर एक नोटिस कर्जदार को भेजा जाता है अगर वह फिर भी जवाब नहीं देता तो कर्ज की वसूली के लिए बैंक आवश्यक कदम उठाता है 3 महीने की अवधि के बाद बैंक या वित्तीय संस्था इसे जानबूझकर किया गया चुप मानती है इसके बाद वह होम लोन डिफॉल्टर्स को होम ऑक्शन नोटिस थमा देती है।
किस्तों में देरी होने के बाद बैंक डिफॉल्टर्स की राशि का 1 से 2% जुर्माना वसूलते हैं जब कोई लोन एक प्रमुख डिफॉल्ट बन जाता है तो उस लोन को एनपीए की श्रेणी में डाल दिया जाता है। बैंक से पहले कर्ज लेने वाले को कई बार नोटिस भेज चुकी होती है। कुछ कंपनियां ऐसी होती है जो लोन वसूली के लिए थर्ड पार्टी की सेवा लेती है।
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लोन के एनपीए हो जाने पर कर्ज लेने वाले और बैंक के बीच विवाद की गुंजाइश बनी रहती है। इसके बाद बैंक उससे लिए गए अन्य लोन को भी एनपीए खाते से जोड़ा देता है. इससे हालात और बिगड़ जाते हैं।
यदि किश्तों का भुगतान ठीक से नहीं किया जाता है, तो इसका क्रेडिट स्कोर पर निगेटिव इफेक्ट पड़ता है. अगर आप बार-बार ईएमआई नहीं जमा करते हैं तो आपका क्रेडिट स्कोर गिर सकता है. बैंकों ने अब अपनी ब्याज दरों को रेपो से जोड़ दिया है. इस कारण लोन लेने वाले के क्रेडिट स्कोर के आधार पर ब्याज निर्धारित किया जाता है. यदि आपका क्रेडिट स्कोर कम है, तो ब्याज दरें बढ़ने की संभावना बनी रहती हैं. यदि बैंक यह साबित कर दे कि किस्त न जमा करने की चूक जान-बूझकर की गई है तो इससे लोन लेने वाले की क्रेडिब्लिटी भी प्रभावित होती है.
ऐसे हालात में यदि आप अधिक ब्याज या अन्य कारणों से लोन को एक बैंक से दूसरे बैंक में बदलना चाहते हैं, हो सकता है कि पुराने बैंक में ईएमआई का भुगतान ठीक से नहीं करने के कारण नई वित्तीय संस्था आपके आवेदन को ठुकरा दे. इसके बाद भविष्य में पर्सनल, ऑटो या अन्य नया लोन लेने में भी दिक्कत हो सकती है.
इस समस्या का समाधान क्या है?
सबसे पहले किश्तों के भुगतान पर फोकस करें. इसे चुकाने के लिए आप मित्रों और रिश्तेदारों से उधार ले सकते हैं. यदि आपके पास फिक्स्ड डिपॉजिट और इंश्योरेंस पॉलिसियां हैं, तो आपको उन पर ओवरड्राफ्ट सुविधा का लाभ उठाएं और स्थिति ठीक होने पर इन सभी बकाये को तत्काल चुका दें. आपके पास फाइनेंशियल अनिश्चितता (financial uncertainty) बहुत अधिक है, तो पहले कम-ब्याज वाले इन्वेस्टमेंट प्लान के देखें. अगर आपको लगता है कि कर्ज का बोझ कभी खत्म नहीं होगा और इसे चुकाने के रास्ते बंद हैं तो समझ लें कि उस घर को बेचने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.