नई दिल्ली: एलआईसी (life insurance corporation) के आईपीओ (initial public offering) का रास्ता साफ हो गया है क्योंकि दस्तावेजों के मसौदे को सेबी की मंजूरी मिल गई है. सूत्रों ने बताया कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने एलआईसी द्वारा 13 फरवरी 2022 को दाखिल दस्तावेजों के मसौदे (डीआरएचपी) को मंजूरी दे दी है. यह मंजूरी एक महीने से भी कम समय में मिल गई है.
डीआरएचपी के अनुसार आईपीओ के तहत सरकार एलआईसी के 31.6 करोड़ इक्विटी शेयर या कंपनी में अपनी पांच प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी. कंपनी के पॉलिसीधारकों और कर्मचारियों को आईपीओ में न्यूनतम शेयर मूल्य पर छूट मिलेगी. अंतरराष्ट्रीय मूल्यांकक कंपनी मिलीमैन एडवाइजर्स द्वारा एलआईसी का अंतर्निहित मूल्य निकाला गया है. 30 सितंबर 2021 तक कंपनी का अंतर्निहित मूल्य 5.4 लाख करोड़ रुपये था. अंतर्निहित मूल्य बीमा कंपनी में शेयरधारकों के एकीकृत मूल्य के आधार पर निकाला गया है.
यह भी पढ़ें – अमेरिका: भारत की ओर पाकिस्तान पर आक्रमण का खतरा पहले के मुकाबले अधिक
हालांकि डीआरएचपी में एलआईसी के बाजार मूल्यांकन का खुलासा नहीं किया गया है. हालांकि उद्योग के मानकों के अनुसार यह अंतनिर्हित मूल्य का करीब तीन गुना या 16 लाख करोड़ रुपये होगा. एलआईसी में सरकार की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी या 632.49 करोड़ से अधिक शेयर हैं. इन शेयरों का अंकित मूल्य 10 रुपये प्रति शेयर है.
एलआईसी का सार्वजनिक निर्गम भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा आईपीओ होगा. एक बार सूचीबद्ध होने के बाद एलआईसी का बाजार मूल्यांकन रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) जैसी शीर्ष कंपनियों के आसपास होगा.