आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को 2022 23 का आम बजट पेश करने जा रही हैं। इस बार भी वही डिजिटल तौर पर टेबलेट सही बजट पेश किया जाएगा, बजट के बारे में आम लोग (UNION BUDGET MOBILE AAP) केसरिया भी देख सकते हैं। जानी बजट ने ब्रीफकेस से लेकर बहीखाते और फिर डिजिटल सफर कैसे तय किया।
आपको बता दें कि भारत में ब्रीफकेस लाने की परंपरा को ब्रिटेन से लाया गया है। वही बजट की प्रथा 1850 के दशक में ग्रेट ब्रिटेन में शुरू हुई। जब विलियम ग्लैडस्टोन राजकोष के चांसलर थे। इंग्लैंड में ग्लैडस्टोन बॉक्स का इस्तेमाल होता था। 1860 में ब्रिटेन के चांसलर ग्लैडस्टोन ने लकड़ी के बक्से पर लाल रंग का चमड़ा मढ़वा दिया। ब्रिटेन में ब्रीफकेस एक वित्त मंत्री से दूसरे वित्त को ट्रांसफर होता था. बैग की हालत काफी खराब होने पर 2010 में ब्रिटिश सर्विस से उसे रिटायर कर दिया।
यह भी पढ़ें – 2022 चकराता विधानसभा सीट: प्रीतम सिंह का गढ़ है चकराता, भाजपा प्रत्याशी रामशरण नौटियाल लगा पाएंगे जीत का पंजा?
भारत के पहले वित्त मंत्री आर.के. षणमुखम शेट्टी ने बजट पेश करने के दौरान लेदर ब्रीफकेस का इस्तेमाल किया था. इसके साथ ही भारत में ब्रीफकेस में बजट रखने की परंपरा बन गई. 1970 से 2019 के दौरान भारत के सभी वित्त मंत्री हार्डबाउन्ड ब्रीफकेस में बजट लेकर संसद गए.
लेकिन 2019 में अपना पहला बजट पेश करने के साथ ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ये परंपरा बदल दी. वह उस साल का बजट बहीखाते में लेकर पहुंचीं. बजट की उनकी प्रति पारंपरिक तौर पर इस्तेमाल होने वाले लाल रंग के बहीखाते में लिपटी हुई थी. 2021 से उन्होंने पेपरलेस डिजिटल बजट पेश करने की परंपरा शुरू की, हालांकि टैबलेट भी लाल कपड़े यानी बहीखाते में लिपटा था.