पुष्कर सिंह धामी 2.0: मंत्रिमंडल के सदस्यों की सूची तैयार हो गई है, अब इसके लिए भाजपा हाईकमान के सिग्नल का इंतजार किया जा रहा है। उधर, मंत्री पद के दावेदारों में लाबिंग भी शुरू हो गई है। मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री धामी के अलावा 9 अन्य सदस्य ही शामिल हो सकते हैं, ऐसे में मंत्री बनने का ख्वाब पाले विधायक लॉबिंग में लगे हैं।
सरकार के सूत्रों के अनुसार मंत्रियों की सूची लगभग तैयार हो चुकी है कुछ मंत्रियो को फोन भी आना शुरू हो गया हैं सूत्र बताते हैं गणेश जोशी इस बार फिर मंत्री बन रहें हैं, साथ में धन सिंह रावत ,सतपाल महाराज भी रिपीट हो रहे हैं मदन कौशिक , अरविन्द पांडेय, सुबोध उनियाल और रेखा आर्य को रिपीट किया जा सकता हैं
धामी के पूर्व मंत्रिमंडल के दो सदस्य हरक सिंह रावत और यशपाल आर्य कांग्रेस का दामन थाम चुके हैं, वहीं कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी यतीश्वरानंद हरिद्वार ग्रामीण से चुनाव हार चुके हैं लिहाजा धामी को मंत्रिमंडल में नए चेहरों का शामिल करने के लिए ज्यादा जद्दोजहद भी नहीं करनी होगी।
यह भी पढ़े – रिक्शा चालक ने पालिका अध्यक्ष और मजदूर संघ सचिव पर लगाए गंभीर आरोप, SDM से की सुरक्षा की मांग
ऐसे में युवा विधायकों की दावेदारी को मजबूती मिल रही है। धामी के पुराने मंत्रिमंडल में सतपाल महाराज, बंशीधर भगत, सुबोध उनियाल, विशन सिंह चुफाल, अरविंद पांडे, गणेश जोशी, धन सिंह रावत, रेखा आर्य फिर इस दौड़ में हैं, लेकिन इनमें कुछ नामों पर कैंची चल सकती है।
दो महिलाओं विधायकों की दावेदारी मजबूत मंत्रिमंडल में इस बार दो महिला विधायक शामिल हो सकती हैं। सोमेश्वर से रेखा आर्य की इस बार भी पुख्ता दावेदारी है। रेखा त्रिवेंद्र, तीरथ और पुष्कर सरकार में मंत्री रह चुकी हैं। अल्मोड़ा की छह में से चार सीटें भाजपा की झोली में आई हैं। इनमें से सल्ट से महेश जीना दूसरी बार जबकि रानीखेत से प्रमोद नैनवाल और जागेश्वर से मोहन सिंह मेहरा पहली बार विधायक चुने गए हैं।
युवा चेहरे भी हैं दौड़ में
भाजपा में युवा चेहरों में सितारगंज से विधायक बने सौरभ बहुगुणा और देवप्रयाग से विनोद कंडारी की भी चर्चाएं चल रही हैं। सौरभ पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा के बेटे हैं। भाजपा पिछले छह साल से विजय बहुगुणा को कहीं एडजस्ट नहीं कर पाई है। ऐसे में सौरभ को मंत्रिमंडल में शामिल कर उन्हें यह इनाम दिया जा सकता है।
वहीं, विनोद कंडारी भाजयुमो के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय सचिव भी रह चुके हैं। इस नाते उनका दावा भी मजबूत माना जा रहा है। इसके साथ ही दलित कोटे से बागेश्वर से चंदन राम दास और राजपुर रोड से खजान दास में से किसी एक की किस्मत खुल सकती है।