दून विश्वविद्यालय द्वारा नॉन टीचिंग स्टाफ पदों पर भर्ती हेतु प्रवेश पत्र जारी कर दिए गए हैं तथा 19 जून को परीक्षा निर्धारित की गई है। उत्तराखंड क्रांति दाल ने इसी को लेकर अपने कार्यलय में प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कर्मचारियों के पदों पर होने वाली भर्ती परीक्षा में अनियमितता होने का अंदेशा जताया है। यूकेडी का कहना है कि इस भर्ती परीक्षा में दूरस्थ पहाड़ी अभ्यर्थियों के साथ बहुत बड़ा छल हो रहा है और नेताओं एवं अधिकारियों के चेहतों की नियुक्ति की जा सकती है।
वहीं भर्ती प्रक्रिया का कार्य लखनऊ की एक निजी कंपनी को दिया गया है और विवि के कई संविदा कर्मचारी इस परीक्षा में बैठ रहे हैं। इससे यह प्रबल संभावना है कि इस परीक्षा में धांधली हो सकती है। जहां नियुक्ति हो रही है, वहीं परीक्षा हो रही है। विभाग के अधिकतर कर्मचारी संविदा पर है, जो परीक्षा करवाएंगे।
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ऐसे में परीक्षा की पारदर्शिता संदेह के घेरे में है। जो एजेंसी दर्शायी जा रही है वह स्वयं विवादित है। इस परीक्षा में सिविल इंजीनियर के पद पर डिप्लोमा और 10 वर्ष का अनुभव मानकों के खिलाफ है। उत्तराखंड चयन आयोग की वेबसाइट में मानक सही है और डिप्लोमा वाला कैसे सिविल इंजीनियर बन सकता है यह बड़ा सवाल है।
वहीं यूकेडी की मांग है कि मुख्यमंत्री और राज्यपाल महोदय इसका संज्ञान ले और भर्ती प्रक्रिया को तत्काल रोक कर इसकी जांच करवाई जाए एवं दोषियों को दंडित किया जाए, साथ ही भर्ती प्रक्रिया को राज्य के किसी सरकारी संस्था से करवाया जाए। जिससे समस्त पहाड़ के युवाओं को मौका मिले और उन्हें लाभ मिल सके।