ज्योतिष शास्त्र की दृष्टि से देखा जाए तो शनि का गोचर खास महत्व रखता है। शनिदेव जब भी राशि परिवर्तन करते हैं तो किसी राशि पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाती है, जबकि किसी राशि पर साढ़ेसाती। 18 जनवरी को शनि देव ने नक्षत्र परिवर्तन किए हैं और बहुत जल्द राशि परिवर्तन भी करने वाले हैं।
आपको बता दें कि शनि देव को राशि बदलने में ढाई साल का वक्त लगता है। इस तरह 12 राशियों का चक्र पूरा करने में इन्हें 30 साल का वक्त लगता है। ऐसे में चलिए जानते हैं की शनिदेव कब राशि बदलने वाले हैं और किन राशियों पर शनि की ढैय्या शुरू होने वाली है।
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शुरू हो जाएगी साढ़ेसाती का दूसरा चरण
29 अप्रैल को ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि का राशि परिवर्तन होगा। इस दौरान शनिदेव अपनी स्वराशि कुंभ में प्रवेश करेंगे। शनि के इस गोचर से कई राशियों के जीवन में खास परिवर्तन देखने को मिलेगा। आपको बता दें कि इसके साथ ही शनि का यह राशि परिवर्तन ज्योतिष की नजरिए से भी खास है। दरअसल इस दौरान शनि कुंभ राशि में मजबूत स्थिति में रहेंगे। शनि के इस गोचर परिवर्तन से सबसे ज्यादा कष्ट कुंभ राशि वालों को होगा।
शनि देव 29 अप्रैल को कुंभ राशि में गोचर करते हैं कर्क और वृश्चिक राशि के जातकों पर शनि की ढैय्या शुरू हो जाएगी। जबकि आपको बता देगी मिथुन और तुला राशि के जातक ढैय्या के प्रभाव से मुक्त होंगे।
5 जून 2022 को ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक शनि देव फिर से वक्री होंगे और 12 जुलाई से मकर राशि मैं दोबारा गोचर करेंगे। में