दरिंदगी का शिकार हुई 12 साल की बच्ची पर संकट के बाद उसके मुंह से शब्द गायब थे। शायद खौफ के बीच उसकी चुप्पी भीतर ही भीतर भयानक त्रासदी का शोर मचा रही थी। किसी को नहीं पता था कि गुमसुम बच्ची के मुंह से जब शब्द फूटेंगे तो उसकी परिणति एक ऐसी घटना के रूप में सामने आएगी, जहां मानवता शर्मशार हो जाएगी। बच्ची को मुंह बंद रखने के लिए कहा गया था। कुछ बोलने पर उसके साथ ही परिवार को भी खत्म करने की धमकी थी।
वहीं डर इतने दिनों से उसका पीछा नहीं छोड़ रहा था। छोटी सी उम्र में वह अंदर ही अंदर एक ऐसे तूफान का सामना कर रही थी, जिसने उसका बचपन झकझोर दिया। मां घर पर थी नहीं… बहन और दूसरे घरवालों से वह कुछ बोल नहीं पा रही थी। मां के नैनीताल पहुंचते ही बच्ची ने उनसे अपने दर्द को बयां किया। मां से लिपटकर निकली उसकी चीत्कार ने पूरे नैनीताल को झकझोर दिया। उसके मुंह से निकल रहा एक-एक शब्द दर्द के सैलाब की तरह था, जो अपने साथ पूरी मानवता को ही बहा ले गया।
बालिका को नहीं मिल सका अपनों का भी प्यार
दुष्कर्म की त्रासदी झेलने वाली बालिका को अपनों का भी प्यार नहीं मिल सका। माता-पिता के रिश्तों में खटास के कारण दो माह की उम्र में पिता का साथ छूट गया। मां की ममता भी कुछ समय मिली और कुछ साल बीतने के बाद दूसरी जगह शादी होने पर यह बुआ संग रहने लगी। बड़ी बहन के साथ हंसते-खेलते दिन बीत रहे थे लेकिन अचानक हुई इस घटना ने फिर से उसे अंदर से झकझोर दिया। इसके बाद वह करीब एक पखवाड़े तक घर में ही गुमसुम रही।
बुआ की देखरेख में रहती थीं दोनों बहनें
अल्मोड़ा जिले की रहने वालो महिला की शादी पहले नैनीताल में हुई थी। महिला का पति अचानक गायब हो गया। इससे परिवार पर आफत टूट पड़ी। अनुसूचित वर्ग की महिला मजदूरी कर परिवार चलाती थी, उसकी दो छोटी बेटियां है। वर्ष 2016 में मायके वालों ने महिला का विवाह उत्तर प्रदेश के संभल में करा दिया। इसके बाद बच्चियां महिला के पहले पति के घर बुआ की देखरेख में रहने लगी।