भारत की थल सेना, नौसेना और वायु सेना के सैन्य महानिदेशकों (डीजीएमओ) ने रविवार को मीडिया को संबोधित किया। तीनों सेनाओं के अधिकारी जब प्रेस ब्रीफिंग की शुरुआत के दौरान बैकग्राउंड में शिव तांडव बज रहा था। इनके जरिए भारतीय सेना ने स्पष्ट संदेश दिया कि बुराई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। एयर मार्शल एके भारती, लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई, वाइस एडमिरल एएन प्रमोद और मेजर जनरल एसएस शारदा ने भारतीय सेना की कार्रवाई के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने एक-एक कर के पाकिस्तान की पोल भी खोली। आइए जानते हैं…
सेना के अधिकारियों ने तस्वीरों के साथ विस्तार से बताया कि सैन्य कार्रवाई से पहले के हालात कैसे थे और बाद का मंजर कैसा है। उन्होंने बताया कि भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से कुछ आतंकी ठिकाने खाली हो गए। ऑपरेशन सिंदूर के लिए सोच-विचार कर नौ आतंकी शिविरों को हमले के लिए चुना गया। 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए। नौसेना के निशाने पर कराची था।
लेफ्टिनेंट घई ने कहा, नौ आतंकी ठिकानों पर हुए हमलों में 100 से ज्यादा आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे कुछ बड़े लक्ष्य भी शामिल थे। ये सभी आईसी814 विमान अपहरण और पुलवामा हमले में शामिल थे। इसके बाद पाकिस्तान ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) का उल्लंघन किया और उनकी बौखलाहट साफ दिखी।
आतंकियों के ठिकानों का गहराई से अध्ययन
ऑपरेशन सिंदूर को सीमा पार आतंकियों के ठिकानों के गहराई से अध्ययन के बाद अंजाम दिया गया था। आतंकी शिविरों और उनके प्रशिक्षण लेने की जगहों की पहचान की गई। कई सारे ठिकानों का पता लगाया गया। बाद में हमें पता चला कि कुछ आतंकी शिविर भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पहले ही खाली करा लिए गए थे। हमारी खुफिया एजेंसियों ने उन नौ आतंकी शिविरों की पुष्टि की, जहां पर आतंकी मौजूद थे।
ऑपरेशन सिंदूर को सीमा पार आतंकियों के ठिकानों के गहराई से अध्ययन के बाद अंजाम दिया गया था। आतंकी शिविरों और उनके प्रशिक्षण लेने की जगहों की पहचान की गई। कई सारे ठिकानों का पता लगाया गया। बाद में हमें पता चला कि कुछ आतंकी शिविर भारत की जवाबी कार्रवाई के डर से पहले ही खाली करा लिए गए थे। हमारी खुफिया एजेंसियों ने उन नौ आतंकी शिविरों की पुष्टि की, जहां पर आतंकी मौजूद थे।