‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस की नीति को दुनिया भर तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने अपनी कमर कस ली है। आतंकवाद से निपटने के भारत के संकल्प को लोगों तक पहुंचाने और पाकिस्तान के नापाक चेहरे को उजागर करने के लिए भारत दुनियाभर में सात प्रतिनिधिमंडल भेज रहा है। इन प्रतिनिधिमंडलों में 51 राजनीतिक नेता, सांसद और पूर्व मंत्री शामिल होंगे।
32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा करेंगे
बैजयंत पांडा (भाजपा), रविशंकर प्रसाद (भाजपा), संजय कुमार झा (जदयू), श्रीकांत शिंदे (शिवसेना), शशि थरूर (कांग्रेस), कनिमोझी (डीएमके) और सुप्रिया सुले (एनसीपी-एसपी) के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल कुल 32 देशों और बेल्जियम के ब्रुसेल्स में यूरोपीय संघ के मुख्यालय का दौरा करेंगे।
प्रत्येक प्रतिनिधिमंडल में छह से आठ राजनेता शामिल हैं। उनकी मदद के लिए एक पूर्व राजनयिक भी साथ होंगे। 51 राजनेताओं में से 31 सत्तारूढ़ एनडीए का हिस्सा हैं, जबकि शेष 20 गैर-एनडीए दलों से हैं। सभी सात प्रतिनिधिमंडलों में कम से कम एक मुस्लिम प्रतिनिधि है, जो या तो राजनेता या राजनयिक हैं।
‘एक मिशन। एक संदेश। एक भारत।’
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘एक मिशन। एक संदेश। एक भारत। सात सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल जल्द ही ऑपरेशन सिंदूर के तहत प्रमुख देशों से मिलेंगे, जो आतंकवाद के खिलाफ हमारे सामूहिक संकल्प को दर्शाता है।’ प्रतिनिधिमंडल में पूर्व केंद्रीय मंत्री गुलाम नबी आजाद, एम जे अकबर, आनंद शर्मा, वी मुरलीधरन, सलमान खुर्शीद और एसएस अहलूवालिया शामिल भी हैं, जो वर्तमान में संसद के सदस्य नहीं हैं।