पाकिस्तान के कुकर्मों की सजा उसके ही निर्दोष नागरिकों को भुगतनी पड़ रही है। पहलगाम हमले के बाद भारत सरकार के निर्देश पर पाकिस्तानी नागरिक देश छोड़कर जा रहे हैं। इन्हीं में दो मासूम ऐसे हैं, जिनको बिना ऑपरेशन कराए अपने वतन लौटना पड़ा। बच्चों के पिता ने बताया कि पहलगाम हमले के चलते बच्चों का इलाज रुक गया।
नौ वर्षीय तल्हा और सात वर्षीय ताहा अपने परिवार के साथ बिना ऑपरेशन कराए सिंध के हैदराबाद शहर लौट गए। बच्चों के पिता शाहिद अली ने कहा कि उनके बेटों को जल्द से जल्द ऑपरेशन की आवश्यकता थी। विशेषज्ञ से बातचीत, कई परीक्षण और मेडिकल वीजा प्राप्त करने की लंबी प्रक्रिया के बाद मार्च में वे बच्चों के साथ नई दिल्ली आए थे।
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से पहलगाम की घटना के बाद स्थिति बदल गई और हमारे पास अपील को ठीक से सुनाने के लिए समय नहीं था। हमने बहुत पैसा खर्च किया, लेकिन यह मुद्दा नहीं है। सबसे दुखद बात यह है कि दिल्ली में मेडिकल स्टाफ के बेहतरीन प्रयासों के बावजूद प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी। अब उन्होंने पाकिस्तानी सरकार से किसी अन्य देश में अपने दोनों बेटों का ऑपरेशन की व्यवस्था करने की अपील की।
वहीं सोमवार को एक और पाकिस्तानी युवक अयान अपने परिवार के साथ नई दिल्ली से लौटा। वह भी एक साल पुरानी बीमारी का उपचार नहीं करा सका। पुलिस की गोली लगने से अयान के शरीर का निचला हिस्सा लकवाग्रस्त हो गया था।
गौरतलब है कि बीती 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने हमला कर 26 निर्दोष पर्यटकों की निर्मम हत्या कर दी थी। यह घाटी में पर्यटकों पर हुए सबसे बड़े हमलों से एक था। हमले के बाद से भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तनाव है।
इसके बाद भारत सरकार ने यात्रा और चिकित्सा उपचार सहित विभिन्न वीजा श्रेणियों के तहत भारत आने वाले सभी पाकिस्तानियों को 28 अप्रैल तक देश छोड़ने या कारावास का सामना करने का आदेश दिया था। रिपोर्ट के अनुसार पिछले तीन दिनों में कुल 610 पाकिस्तानी भारत से वापस गए हैं। जबकि लगभग 850 भारतीय नागरिक पाकिस्तान से आए हैं।